फतेहपुर। न्यूज़ वाणी नफीस जाफ़री चैत्र नवरात्र के सातवें दिन शनिवार को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि का भक्तों द्वारा भव्य श्रृंगार किया गया। मन्दिरों में माॅ कालरात्रि के दर्शन के लिये भक्तों का तांता लगा रहा। पूरा दिन भक्ति गीतों से मन्दिर गूंजते रहे। वहीं जयकारों की गूंज से वातावरण भक्तिमय रहा।
माॅ दुर्गा के सातवे स्वरूप कालरात्रि के दर्शन के लिए मन्दिरों में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। पूजा अर्चना का सिलसिल घन्टों चलता रहा। बताते है कि मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि है। इनके शरीर का रंग अंधकार की तरह काला है। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। तीन नेत्र ब्रम्हांण की तरह गोल है। जिनसे ज्योति निकलती है। इस स्वरूप का ध्यान भक्तों के जीवन के अंधकार से मुकाबला कर उसे प्रकाश की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करता है। बताते है कि जब सृष्टि में पाप की अधिकता बढ गयी थी और देवताओं एवं मानवों पर राक्षसों का वर्चस्व स्थापित हो गया था। जब माॅ पार्वती ने इस रूप को धारण कर दुष्टों का संहार कर सृष्टि में शांति स्थापित की थी। यह रूप अति क्रोधित रूप का है इसलिए भगवान शंकर ने स्वयं जमीन पर लेटकर माॅ के क्रोध को शांत किया था। इस स्वरूप के दर्शन पूजन को लेकर सुबह व शाम दोनों पहर मंदिरो में भक्तों की भारी भीड़ रही। शहर के अलग-अलग स्थानों में स्थित मन्दिरों में देर रात तक भक्तों का जमावड़ा रहा। शहर के अलावा ग्रामीणांचलों के मन्दिरों में लाउडस्पीकर के द्वारा भक्ति गीत बजाये जाते रहे। जिनकी गूंज से इलाका गूंजता रहा। वहीं पूजा अर्चना व आराधना के समय मां की जय-जयकार से वातावरण भक्तिमय रहा। दर्शन के लिये दोंनों पहर मन्दिरों में महिलाओं, पुरूषों व बच्चों की भीड़ लगीं रहीं। सभी ने मां के छठवें स्वरूप की पूजा अर्चना की। मन्नत मानने वाले भक्तों ने मन्नत पूरी होने पर प्रसाद वितरित किया। वहीं व्रत रखने वाले भक्तों ने पूरी आस्था के साथ मां की आराधना की।