– छात्र-छात्राओं से की पूछताछ, प्लांट से निकलने वाली जली भूसी व प्रदूषित पानी का लिया गया नमूना
न्यूज वाणी ब्यूरो
बिंदकी/फतेहपुर। मिल्क प्लांट से निकलने वाली जली काली भूसी से छात्र-छात्राओं के आंखों में प्रभाव डालने के मामले को लेकर प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम पहुंचे एक और जहां छात्र छात्राओं से होने वाली परेशानी के बारे में पूछताछ किया वहीं मिल्क प्लांट पहुंचकर भी पूछताछ किया और जांच किया। इतना ही नहीं तो दूषण विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने मिल्क प्लांट से उड़ने वाली डस्ट तथा प्रदूषण युक्त पानी का नमूना भी भरा जिसको जांच के लिए भेजा गया है।
बताते चलें कि एक दिन पहले कोतवाली क्षेत्र के दरवेश आबाद गांव के पास स्थित स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती इंटर कॉलेज के सैकड़ों छात्र-छात्राएं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। छात्र-छात्राओं के आंखों में जलन हो रही थी। आंखों में सूजन भी थी सभी छात्र छात्राओं ने बताया कि बगल के मिल्क प्लांट से जो जली काली भूसी उड़ती है। उसके कारण प्रदूषण फैलता है। आंखों में जलन होती है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद चिकित्सकों ने छात्र-छात्राओं का इलाज किया था। इस संबंध में शिक्षकों ने बताया था कि बार-बार कहने के बावजूद भी मिल्क प्लांट के मालिक द्वारा प्रदूषण को दूर करने के लिए कोई अंत नहीं लगाया जा रहा ना ही कोई उपाय किया जाता है। जिससे छात्र-छात्राओं के आंखों में परेशानी होती रहती है। इसी मामले को लेकर दूसरे दिन प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के साथ एसडीएम प्रहलाद सिंह स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती इंटर कॉलेज पहुंचे छात्र-छात्राओं से प्रदूषण के बारे में जानकारी ली। छात्र-छात्राओं ने बताया कि मिल्क प्लांट से जो काली भूसी जली हुई निकलती है उसके कारण उनके आंखों में सूजन रहती है। आंखें लाल रहती हैं और पढ़ाई में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बाद एसडीएम प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी कर्मचारियों के साथ मिल्क प्लांट के अंदर पहुंचे और वहां भी पूरे मामले की जांच किया। साथ ही मिल्क प्लांट के बाहर जहां पर मिल्क प्लांट का प्रदूषित पानी भरा हुआ था। वहां पर भी निरीक्षण किया जांच किया। प्रदूषण विभाग के कर्मचारियों ने यहां से प्रदूषित पानी का नमूना भरा। जिसको लिए जांच के लिए भेजा गया है। इसके अलावा प्रदूषण विभाग के कर्मचारियों ने उड़ने वाली डस्ट राखी का भी नमूना भरा इस संबंध में एसडीएम प्रहलाद सिंह ने बताया कि जांच के लिए प्रदूषित पानी और राखी को भेजा जाएगा और इस बात की जांच की जा रही है कि प्रदूषण मुक्ति के लिए मिल्क प्लांट द्वारा सही उपाय किए गए हैं या नहीं यदि नहीं किए गए तो निश्चित रूप से कानूनी कार्रवाई होगी।
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