– गंगा यात्रा के इश्तेहारो व फ्लैक्सो में अधिकारियों की लगी फोटो
– स्थानीय जनप्रतिनिधियो का नाम तक नहीं
– मोदी-योगी सरकार में नौकरशाही हावी
न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। मोदी व योगी राज में सत्तारूढ़ दलो के माननीयो (जनपद से जुड़े मंत्री, सांसद और विधायकों) को जिला प्रशासन अपेक्षित मान-सम्मान नहीं दे रहा हैं। नमामि गंगे महाभियान के तहत कल (आज) जनपद में आ रही हाईप्रोफाइल गंगा यात्रा के बड़े-बड़े इश्तेहारो में यात्रा के जिम्मेदारो ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को उचित स्थान देना मुनाशिब नहीं समझा है। इसे प्रशासनिक, विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों की अदूरदर्शिता ही कहा जायेगा कि जनपद की सांसद (महामंडलेश्वर एवं केंद्रीय राज्य मन्त्री) साध्वी निरंजन ज्योति, विधायक (प्रदेश सरकार के खाद्य एवं रसद मन्त्री एवं कारागार मन्त्री) रणवेंद्र प्रताप उर्फ धुन्नी सिंह एवं जयकुमार जैकी समेत कृष्णा पासवान, विक्रम सिंह, करण सिंह पटेल, विकास गुप्ता एवं जिला पंचायत अध्यक्ष डा० निवेदिता सिंह सभी सत्तारुढ़ दलो से सम्बंधित हैं। किन्तु इश्तेहारो के साथ-साथ फ्लैक्स आदि में कही पर भी इन्हें स्थान नहीं मिल पाया है, जो जनचर्चा का विषय भी है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व की सरकारों में स्थानीय जन प्रतिनिधियों को ऐसे आयोजनो के इश्तेहारो एवं प्रचार-प्रसार के अन्य माध्यमो में भरपूर स्थान मिलता रहा है। यहाँ तक कि भाजपा की पूर्व सरकारों में भी तत्कालीन सांसद डा० अशोक पटेल, विधायक एवं कैबिनेट मन्त्री राधेश्याम गुप्ता, राज्य मंत्री जनसेवक अमरजीत सिंह, राजेन्द्र पटेल, मुन्ना लाल मौर्य, विधायक महेन्द्र प्रताप नारायण सिंह आदि को तत्कालीन प्रशासन भरपूर मान-सम्मान देता था। किन्तु मोदी-योगी राज में मौजूदा स्थानीय जन प्रतिनिधियो को मान-सम्मान से काफी हद तक वंचित रखा जाना किस सोच का परिचायक है, यह पूरी तरह समझ से परे है! योगी राज में इससे पूर्व भी हुए कार्यक्रमों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को प्रशासन स्तर से अपेक्षित सम्मान में कोताही बरती जाती रही है। किन्तु संगठन और सरकार के उच्च पदस्त जिम्मेदारो के स्तर से भी स्थानीय पदाधिकारियो और जन प्रतिनिधियो को कमतर साबित किया जाता रहा हैं। नमामि गंगे महाभियान के तहत कल (आज) जनपद में आ रही हाईप्रोफाइल गंगा यात्रा में प्रशासनिक, विकास एवं पंचायती राज विभाग दिखाऊँ मानसिकता पर अमल कर रहा है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और है …! बड़े बड़े इश्तेहारो में डीएम, प्रभारी सीडीओ (पीडी डीआरडीए) अशोक कुमार निगम और डीपीआरओ अजय आनन्द सरोज ने अपनी अपनी आकर्षक फोटो, नाम व पदनाम तो छपवा ली। किन्तु स्थानीय माननीयो का नाम तक इन इश्तेहारो और फ्लैक्सो में देना उचित नहीं समझा! जनचर्चा रही कि योगी-मोदी राज में माननीयो के मुकाबले नौकरशाहों की अधिक चलती है, तभी तो सारे के सारे मौन है …!