अन्ना पशुओं के संरक्षण व संवर्धन में जन सहभागिता आवश्यक

– पशु आश्रय स्थलों पर चारे पानी भूसे का समुचित प्रबंध करें
न्यूज वाणी ब्यूरो
हमीरपुर। अन्ना गौवंश के पशुओं के संरक्षण, संवर्धन व प्रबंधन के संबंध में एक अति आवश्यक बैठक जिलाधिकारी डॉ ज्ञानेश्वर त्रिपाठी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष में संपन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि गोवंशीय अन्ना पशुओं के संरक्षण, संवर्धन तथा प्रबंधन के लिए चारे पानी भूसे आदि की व्यवस्था के साथ-साथ अन्य सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली जाए। उन्होंने कहा कि ग अन्ना पशुओं के चारे/भूसे की खरीद नियमानुसार किया जाए। समय से उपयोग प्रमाण पत्र उपलब्ध कराकर धनराशि की डिमांड कर ली जाए। अन्ना/बेसहारा पशु आश्रय स्थलों के संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता से अन्ना/गोवंशीय पशुओं को सुपुर्दगी में देने का कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि अन्ना पशुओं के संरक्षण तथा चैकीदारी आदि कार्यों में लगे लेबरों/चैकीदारों का नियमानुसार भुगतान किया जाए। पशु आश्रय स्थलों में ही अथवा उसके आसपास चारागाह का चिन्हीकरण कर उसमें चारा उगाने की कार्रवाई की जाए। पशु आश्रय स्थलों में वृक्षारोपण सहित शासनादेश के अनुसार अन्य सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग कैटेगरी के पशुओं हेतु अलग-अलग बाड़े बनाए जाएं। इसके अंतर्गत वृद्ध तथा बीमार पशुओं के लिए अलग बाड़ा, छोटे बछड़े, बछड़ी तथा गर्भस्थ गोवंश को अलग तथा अन्य पशुओं को अलग बाड़े में रखा जाए। बीमार पशुओं का समुचित इलाज किया जाए। उन्होंने कहा कि पशु आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं के संबंध में समय-समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र देकर धनराशि की मांग की जाए तथा सभी प्रकार के वित्तीय लेनदेन के अभिलेख दुरस्त रखे जाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि गेहूं कटिंग के सीजन में किसी भी दशा में बिना रिपर वाली मशीन ना चलने पाए। ऐसी स्थिति में तत्काल मशीन सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी थाने क्षेत्र के अंतर्गत गेंहू कटिंग के समय एक भी पराली जलाने की घटना नहीं घटनी चाहिए अन्यथा संबंधित थानों व तहसीलों की जिम्मेदारी तय होगी। उन्होंने कहा कि पशुओं के बधियाकरण कार्य में तेजी लाई जाए। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आरके सिंह, समस्त एसडीएम, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, समस्त बीडीओ मौजूद रहे।

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