रोहित दीक्षित/न्यूज वाणी ब्यूरो
मोहनलालगंज। विश्व के लिए कोरोना वायरस सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है। इससे रोगी में निमोनिया के लक्षण भी देखे जा रहे हैं जो गंभीरता का विषय है। इसका मोर्टेलिटी रेट 15 प्रतिशत है। चीन से फैले इस संक्रमण ने अब दूसरे देशों के लोगों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। चीनी लोग इस वायरस से दहशत में हैं। लोग वहां बगैर मास्क लगाए घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। कोरोनावायरस के प्रकोप से बचने के लिए भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसंधान परिषदों ने भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के आधार पर जो कि आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी पद्धतियों पर आधारित हैं। इस संक्रमण से बचने के लिए कपेरा मदारपुर स्थित राजकीय होम्योपैथिक की प्रभारी चिकित्साधिकारी डा0 ऋतु परिहार ने बताया कि सबसे पहले कोरोना नाम के वायरस से बचने के लिए खुद की स्वच्छता बनाए रखें, अपने हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं, अपनी आंखें, नाक और मुंह को बार-बार हाथों से न छूएं, संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें, संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा करते समय या काम करते समय एन 95 मास्क का उपयोग करें। जहाँ इस वायरस के विरूद्ध अभी तक कोई वैक्सीन नहीं आई है, ना ही स्टेरॉइड्स व एलोपैथिक दवाइयों का कोई खास असर दिख रहा है। वहीं होम्योपैथिक विधा में जीनस एपिडेमिक्स विधि द्वारा,लक्षणों के अनुसार कुछ दवाइयां जैसे आर्सेनिक एल्बम 30, क्यूपरम मेटालिकम 30, इंफ्लुएंजिम 30 आदि बहुत लाभदायक सिद्ध होंगी। कृपया कर अपने निकटम होम्योपैथिक अस्पताल में संपर्क करें व उचित परामर्श प्राप्त करें।