न्यूज वाणी ब्यूरो
फिरोजाबाद। जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह द्वारा समस्त उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदार को बताया है कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में प्राप्त होने वाली शिकायतों में सबसे अधिक संख्या सार्वजनिक उपयोग की भूमि, ग्राम सभा भूमि, वन विभाग भूमि, चारागाह तथा निजी भूमि पर अवैध कब्जे के सम्बन्ध में होती है। इन शिकायतों के निस्तारण में यदि शिकायत थाने को भेज दी जाती है तो दोनों पक्षों के विरूद्ध 107/116 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। यदि राजस्व विभाग के माध्यम से निस्तारण किया जाता है तो लेखपाल द्वारा मौके पर निशानदेही कर दी जाती है। जो लेखपाल के जाने के उपरांत विपक्षीयों द्वारा मिटा या उखाड़ दी जाती है, बहुत अधिक कार्यवाही होने की दशा में एफआईआर करा दी जाती है जिसमंें साक्ष्य के अभाव में एफआर लगा दी जाती है तीनों ही परिस्थितियों में शिकायत का निस्तारण शून्य ही रहता है।
उन्होने सभी को निर्देशित करते हुये कहा है कि बार-बार मौके पर जाकर पैमाइश अथवा निशानदेही न करके ठोस एवं प्रभावी कार्यवाही अमल में लायी जायें। जिसके लिए यदि किसी व्यक्ति द्वारा अपना रकबा कम होने की शिकायत की जाती हैं और उससे सटा हुआ गाटा सार्वजनिक उपयोग की भूमि, ग्राम सभा भूमि, वन विभाग की भूमि एवं चारागाह है तो आवेदक की भूमि की पैमाइश कर रकबा पूरा करने से पूर्व सार्वजनिक भूमि की पैमाइश करके पहले उसका रकबा पूर्ण हो यह सुनिश्चित किया जाए। उसके पश्चात् आवेदक की पैमाइश की जाए, इसके विपरीत कार्य पर करने पर संबंधित लेखपाल के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। सार्वजनिक उपयोग की भूमि ग्राम सभा भूमि, वन विभाग की भूमि, चारागाह एवं चकरोड पर अतिक्रमण की शिकायत के निस्तारण हेतु लेखपाल द्वारा दोनों पक्षों को बुलाकर विधिवत पैमाइश कर हटवाया जाए। जिसकी विस्तृत आख्या में नजरी नक्शा एवं निस्तारण के फोटोग्राफ्स लगाए जाएं। यदि वह किसी कारणवश असफल रहता है, तो उसकी आंख्या उपजिलाधिकारी को दी जाए एवं उनके द्वारा पुनः टीम बनाकर पूर्व तिथि लगाकर दोनों पक्षों एवं ग्राम प्रधान को सूचित करके पैमाइश कराई जाए तथा आवश्यकतानुसार पुलिस बल लिया जाए। पैमाइश विधिवत एवं नियमानुसार की जाए एवं विस्तृत एवं स्पष्ट नजरी नक्शा में स्पष्ट रूप से दर्शाया जाए कि मौके पर किस गाटा में कितना एवं किसका अतिक्रमण किस रूप में पाया गया मौके पर प्रधान के श्रमिक लेकर अथवा अतिक्रमणकर्ता से ही तत्काल अतिक्रमण हटाया जाए और मौके के फोटोग्राफ लिए जाएं। यदि किसी दशा में अतिक्रमण मौके पर नहीं हटाया जा सके तो इसकी विस्तृत आख्या की प्रतियां संलग्न कर थाना पुलिस को कार्यवाही के लिए भेज दी जाए और 1 प्रति समस्त संलग्नको के साथ उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार को बेदखली की कार्यवाही हेतु रिपोर्ट भेज दी जाए। बेदखली की कार्यवाही प्रत्येक 15 दिन की तिथि लगाकर प्रत्येक दशा में 3 माह में निस्तारित कर हरजाना की वसूली की कार्यवाही पूर्ण कर आख्या जिला मुख्यालय भिजवाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
Prev Post