– दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों व गर्भवती महिलाओं को न दी जाये दवा
न्यूज वाणी ब्यूरो
हमीरपुर। जनपद में 17 फरवरी से 29 फरवरी तक चलने वाले फाइलेरिया मुक्त अभियान की तैयारियों के संबंध में जिलाधिकारी डॉ ज्ञानेश्वर त्रिपाठी की अध्यक्षता में एक आवश्यक बैठक कलेक्ट्रेट सभागार कक्ष में संपन्न हुई।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया मुक्त अभियान के बारे में सार्वजनिक स्थलों, विद्यालयों आदि में इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए। इसके लिए स्कूलों में लेखन व निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता आदि आयोजित की जाएं। ज्ञात हो कि फाइलेरिया मुक्ति अभियान के अंतर्गत जनपद के 1127067 लोगों को डीईसी व एल्बेंडाजोल की दवा खिलाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग किया जाए तथा अपने आसपास गंदा पानी इकट्ठा ना होने दिया जाए। फाइलेरिया मच्छर के काटने से होने वाला एक संक्रामक रोग है यह किसी भी उम्र के व्यक्ति में हो सकता है इससे बचने के लिए डीईसी व अल्बेंडाजोल की दवा वर्ष में एक बार अवश्य खाई जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया की दवा उम्र एवं ऊंचाई के आधार पर ही दी जाए। यह दवा खाली पेट ना खिलाई जाए न ही खाई जाए। यह दवा स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा अपने सामने ही खिलाई जाए। फाइलेरिया की दवा खाने के पश्चात उसकी प्रतिक्रिया स्वरूप सरदर्द, बुखार ,उल्टी जैसी मामूली समस्याएं हो सकती हैं किंतु इस पर घबराए नहीं। यह स्वतः ठीक हो जाएगा किंतु अधिक समस्या होने पर स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाएं। फाइलेरिया की दवा पेट के अन्य खतरनाक कीड़ों को भी खत्म करती हो तथा हाथीपांव और हाइड्रोसील जैसी बीमारी से बचाने में मदद करती है। यह दवा 2 साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को नही खाना है। जिलाधिकारी ने कहा कि इस अभियान के लिए स्वास्थ्य कार्मिकों द्वारा परिवार रजिस्टर बना लिया जाए, इसके अंतर्गत सभी घरों की सूची तैयार कर ली जाए तथा उसमें रहने वाले सभी लोगों का नाम व पता दर्ज कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों को फाइलेरिया के संबंध में उनकी शंकाओं का समाधान किया जाए। फाइलेरिया मुक्ति अभियान तथा उसके अंतर्गत दी जाने वाली डीईसी वा अल्बेंडाजोल दवाओं के फायदे के बारे में बताया जाए। इस मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आरके सचान, जिला विकास अधिकारी विकास, डिप्टी कलेक्टर संजीव शाक्य, जिला विद्यालय निरीक्षक तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।