हाथी घोड़ा पालकी के साथ बारात की निकाली गई निकासी

– पुरानी परंपरा को देखने के लिए ग्रामीणों की उमड़ी भीड़- दूल्हा कार में न बैठकर घोड़े में बैठा न्यूज वाणी ब्यूरो
बिंदकी/फतेहपुर। पुरानी रीति रिवाज के अनुसार बरात की निकासी हाथी घोड़ा पालकी से हुई। जिसको देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ एकत्र ही अनोखे और पुराने अंदाज में बरात की निकासी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
क्षेत्र के कुसारा गांव निवासी सुरजीत सिंह की बारात गांव से कंस पुर जाना था। बारात की निकासी पुराने जमाने के तौर तरीके से हाथी घोड़ा पालकी में निकाली गई। आगे हाथी चल रहा था जिसमें कुछ लोग सवार थे। जबकि बीच में पालकी चल रही थी। वही सबसे अंत में घोड़ा चल रहा था। जिसमें दूल्हा सुरजीत सिंह बैठे हुए थे। पुरानी परंपरा रीति-रिवाज और रजवाड़े के तौर तरीके से हाथी घोड़ा पालकी की निकासी यात्रा देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ रही। गाजे-बाजे के साथ उत्साह के साथ निकाली गई बारात की निकासी को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ रही और चर्चा का विषय बना हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि दूल्हा सुरजीत सिंह की इच्छा थी कि वह अपनी बारात कार में नहीं ले जाएगा बल्कि हाथी घोड़ा पालकी के साथ ले जाएगा और अपने बरात भी इसी तरह विदा कर आएगा। घरवालों ने दूल्हे की इच्छा को देखते हुए हाथी घोड़ा और पार्टी तीनों का इंतजाम किया। जिसके बाद बारात की निकासी हुई जो चर्चा का विषय बनी हुई है।

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