भगवान के भजन के लिए नहीं होता कोई निर्धारित समय-कथावाचक

न्यूज वाणी ब्यूरो
अमौली/फतेहपुर। ब्लॉक के ग्राम बबई के महामहेश्वर धाम में वतन की रक्षा के लिए 1965 में भारत पाकिस्तान के युद्ध मे दुश्मनों से लोहा लेते हुए उनके तीन टैंकरों को ध्वस्त प0 राम दुलारे तिवारी के स्मृति में श्रीमद्भागवत कथा के साथ धार्मिक आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस पर वृन्दावन धाम से पधारे पूज्यपाद संत श्री सच्चा बाबा के कृपापात्र श्री राघव जी महाराज श्री वृंदावन धाम के द्वारा संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का रसपान कराया जा रहा है। कथाव्यास ने कथा में बताया कि सृष्टि की रचना के लिए एवं पृथ्वी से राक्षसों का संहार करने के लिए वाराह स्वरूप धारण कर अवतरित हुए। संसार सागर से विरक्ति धारण किए हुए जड़भारतोपाख्यान की कथा का वर्णन किया। भक्त शिरोमणि ध्रुवजी महाराज की कथा सुनाई। भगवान के भजन के लिए कोई समय निर्धारित नही होता है। पांच वर्ष की आयु के ध्रुव को भगवान ने आकर दर्शन दिए। भगवत भजन के लिए युवावस्था सर्वश्रेष्ठ है। कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिरि सुमिरि नर उतरहि पारा। कलयुग में भगवान का नाम लेकर उस भाव सागर से कोई भी पर हो सकता है अपितु वह नाम छल कपट ईर्ष्या और कुटिलता से रहित होना चाहिए। कार्यक्रम में महेश शुक्ल व उनकी पत्नी रानी देवी ने परीक्षित बन कथा श्रवण किया। कथा सुनने के लिए दूर दूर से लोग सैकड़ों की संख्या में महिलाएं बच्चे व बुजुर्ग पहुच रहे है। इस मौके पर मनीष चैधरी, शोभित शुक्ल पत्रकार, नारायण दत्त, ओमप्रकाश तिवारी, कीर्तिदेव तिवारी, कृष्णा तिवारी, अनुपम मिश्र, मयंक, अरुण तिवारी, शिवशंकर, रमई, जनार्दन प्रसाद सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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