मुमताज मंसूरी/न्यूज वाणी ब्यूरो
किच्छा/उत्तराखण्ड। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था गुँजन के तत्वाधान में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली के शुभ आगमन पर एक अंतरराष्ट्रीय विराट काव्य गोष्ठी का आयोजन टीएलसी सभागार प्राइमरी पाठशाला प्रथम किच्छा में किया गया।
काव्य गोष्ठी के आयोजक शाहबउद्दीन अंसारी, अध्यक्षता डॉ नबी अहमद मंसूरी, मुख्य अतिथि वीर बहादुर चन्द्र विश्राम, महेंद्र नगर नेपाल, विशिष्ट अतिथि हरीश प्रसाद जोशी और लक्ष्मी प्रसाद भट्ट महेंद्र नगर नेपाल तथा संचालक सुभाष चन्द्र मिश्रा रहे। काव्य पाठ करने वसलों में राम रतन यादव, जगदीश पन्त, कुमुद, श्रीमती राफा तिवारी, खटीमा, यूनुस मलिक नखवी सत्यपाल सजग लालकुआं, चन्दन वोरा नूर सलाम ,सोनी यादव, फातिमा मंजुल अग्रवाल किच्छा लीलू रानी रुद्रपुर आदि वक्ताओं में डॉ नबी अहमद मंसूरी ने कुछ यूं कहा औरत ही जब औरत की दुश्मन बन जाये औरत को औरत से भय्या कौन बचाये। रामरतन यादव ने कहा पढ़ाओ खूब जग वालो जगत की शान है बेटी। सोनी यादव का कुछ ये कहना था हाँ हाँ मैं नारी हूँ दबी हुई चिंगारी हूँ। नूर सलाभ का कहना था कि पिछली होली का थोड़ा सा गुलाल रखा है सुभाष मिश्रा का कहना था दो परिवारों का होती हैं आधार बेटियों मंजुल अग्रवाल ने कहा नारी में भी है क्षमता का आधार पर अवसर नहीं देता पुरुषों का संसार जगदीश पन्त कुमुद का कहना था मो बहनों की चीखें दीवारों में दब जाती हैं। डॉ नबी अहमद मंसूरी ने होली की शुभ कामनाएं देते हुए कुछ इस प्रकार कहा रंगों की बौछार हो रही होली में रँग बिरंगी नार हो रही होली में। अन्य कवि कवियित्रियों ने भी काव्य पाठ कर श्रोताओं की तालियाँ बटोरीं। अंत में नेपाल से पहुंचे अतिथियों का संस्था की ओर से प्रमाण पत्र तथा अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मान किया गया।
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