जिला अस्पताल के डाक्टरों एवं दलालों के कार्यनामों से सरकार की छवि धूमिल

फतेहपुर। न्यूज़ वाणी नफीस जाफ़री प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सत्ता संभालते ही भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए भले ही सख्त निर्देश दे रखे हों लेकिन इसका असर जिला अस्पताल मे नहीं दिख रहा है। आये दिन हो रही है और तैनात डाक्टरों की मनमानी जारी है। अवगत हों कि कुछ ही दिन पूर्व जिला अस्पताल के एक डाक्टर के वीडीओ वायरल होने के बाद जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सुधार के निर्देश दिये थे इसके बावजूद भी डाक्टर मनमानी करने से बाज नही आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उस वक्त प्रकाश मे आया जब मंगलवार को असोथर थानाक्षेत्र के रामनगर कोठधवन गांव निवासिनी सुमित्रा देवी पत्नी रामराज ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए जिला अस्पताल मे तैनात सर्जन डा0 रवि आनंद पर आरोप लगाया कि 16 सितम्बर 2017 को उसके पति रामराज ने डा0 रवि आनंद के कमरा नं0-7 मे दिखाने गया जिस पर डाक्टर ने उसके पति के पेट मे पथरी होने की बात कही और बाहर से अल्ट्रासाउण्ड तथा डिजीटल एक्सरे कराने को कहा और कक्ष मे मौजूद दलालों ने कहा कि आपरेशन से पहले सारी जांचे बाहर से होगीं। अस्पताल की जांचे सही नही होगीं और आपरेशन के दौरान 6 हजार रूपये देने होगें। इसके बाद पैसों का इंतजाम करने के बाद 19 सितम्बर 2017 को आपरेशन कराने के लिए अस्पताल आये जहां पहले दलाल के माध्यम से डाक्टर को पहले 6 हजार रूपये व सारी जांचे बाहर से कराकर दिया जिसके बाद डाक्टर ने आपरेशन करने के बाद कहा कि पथरी नही है और उसके बाद अस्पताल मे भर्ती कर दिया। साथ ही पीड़ित ने डाक्टर एवं उनके दलालों पर आपरेशन व बाहर की जांच के नाम पर की गयी वसूली की शिकायत करते हुए यह भी बताया कि उसके पति की स्थित बहुत ही खराब है। डाक्टर की लापरवाही के चलते वह कानपुर मे इलाज काफी दिन तक कराया लेकिन फिर भी सुधार नही आया इसका विरोध जब आपरेशन मे पथरी न होने के बाद डाक्टर से पैसे वापस किये जाने की मांग किया तो डाक्टर के दलालों ने जेल भेजे जाने की धमकी देकर भगा दिया। पीड़ित महिला ने जिलाधिकारी से प्रशासनिक सक्षम अधिकारियों से डाक्टर व उनके दलालों की जांच कराकर कार्यवाही किये जाने की मांग किया। सवाल यह उठता है कि आखिर कब जिला अस्पताल मे तैनात डाक्टरों की मनमानी पर लगाम लगेगी। मुख्यमंत्री के आदेशों के बावजूद भी जिस तरह से जिला अस्पताल के डाक्टरों के कारनामे आये दिन सुखिर्यों मे छाये रहते है ऐसे मे सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त करने के निर्देश हवा मे साबित हो रहे हैं।

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