फतेहपुर। न्यूज़ वाणी नफीस जाफ़री वक्त बदला, सरकारे बदली, हुक्मरान बदले लेकिन यदि कुछ नही बदला तो वो था। भ्रष्टाचार का वो जामा जिसे पहन कर खुद को पाकिजा दिखाकर भ्रष्टाचार का वह खेल खेला जा रहा है। जिसकी हकीकत हर माने मे घातक ही है। अच्छे दिन आएंगे के नारे के साथ फिर मौका मिला भाजपा सरकार को और अच्छे दिन कब आएंगे ये सवाल आज भी जनता के बीच जवाब के लिए भटक रहा है। सरकार का वादा देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है। लेकिन ये सपना हकीकत की जमी से आज भी कोसो दूर है। क्या सरकार के प्रयास मे कमी है? या फिर सरकार के नोमाइंदे ही सरकार की छवि को धूमिल करने के प्रयास मे लगे है। इस प्रश्न का जवाब तो स्वयं सरकार को ढूंढ़ना होगा। जबकि यदि नजर दौड़ायी जाये तो सरकार अपने प्रयासांे में कदम दर कदम बढ़ रही है। लेकिन कुछ भ्रष्ट नुमाइंदे ऐसे भी हैं। जो भ्रष्टाचार के दलदल में ऐसे फंस चुके हैं कि उनका उससे निकल पाना मुश्किल सा होता जा रहा है। ऐसे ही भ्रष्ट नुमाइंदे डीएफओ हैं। सामाजिक वानिकी विभाग के निदेशक सीपीएस मलिक जिनकी भ्रष्ट नीति के सामने तो शायद तो भ्रष्टाचारी भी शर्मा जाये। खुद को ईमानदारी के पर्दे के पीछे रखकर यह भ्रष्टाचार का वह खेल खेल रहे हैं। जिस खेल में न तो उन्हें सरकार की छवि की परवाह हैं। न अपने पद और गरिमा की।
आपको बताते चलंे कि गाजीपुर थाना क्षेत्र के गांव सिमौर में अब्दुल रशीद पुत्र अब्दुल अजीज कई वर्षों से मानकों के विरूद्ध अवैध भट्ठी संचालित कर रहा है। जिस पर आज तक कई डीएफओ आये और चले गये, किंतु अब्दुल रशीद अपने धन और बाहुबल के बल पर भट्ठी धधकाता रहा है। किंतु जब डीएफओ सीपीएस मलिक के पास इसकी शिकायत पहुंची तो उन्होंने बड़ी ही तीव्रता से इस पर ऐक्शन लेते हुये 27 जनवरी को अवैध भट्ठी हटवाने का नोटिस जारी कर एक सप्ताह की समयावधि भी दी, किंतु कौन जानता था कि यह तो सिर्फ ईमानदारी का स्वांग है। जिसकी आड़ में अपनी स्वार्थ पूर्ति का टेªलर दिया गया है। जिस नोटिस पर आज दो माह बीतने के बाद भी कोई कार्यवाही न होना स्वयं भ्रष्टाचारी डीएफओ की पोल खोल रहा है। हद तो तब हो गयी जब दूरभाष पर डीएफओ से जानकारी मांगी गयी तो भट्ठी ध्वस्तीकरण का झूठा झांसा दे देकर भट्ठी संचालक से हिस्सा मिलने के इंतजार में मामले को आगे बढ़ाते रहे। ऐसे नुमाइंदों को न तो अपनी पद प्रतिष्ठा की परवाह है और न सरकार का डर। ऐसे अधिकारी दीमक की तरह सरकार की छवि को चांट रहे हैं।
जबकि सरकार को ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की तुरंत जांच करवाकर इन पर दंडनीय कार्यवाही करनी चाहिये। ताकि सरकार का भ्रष्टाचार मुक्त देश का सपना सच हो। एक मिशन जिसके तहत एक मुहिम चलाकर जनपद में पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली अवैध कोयला भट्ठी का पता लगाया जहां सर्वेक्षण टीम ने कई जगहों पर एक लाइसेंस की आड़ मंे कई अवैध कोयला भट्ठी संचालन के साथ साथ मानकांे के विरूद्ध चल रही अवैध भट्ठियांे की पोल खोली। जबकि सामाजिक वानिकी विभाग और सम्बन्धित अधिकारियों की भट्ठी संचालकों से मिलीभगत ने इस मिशन को दबाने का पूरा प्रयास किया है, किंतु भ्रष्टाचारी यह याद रखें कि न थके कभी पैर, न कभी हिम्मत हारी है, जज़्बा हैं परिवर्तन का जिंदगी में, इसलिये मिशन जारी है, और यह मिशन हमेशा जारी रहेगा।