न्यूज वाणी ब्यूरो
हमीरपुर। संक्रमण फैलने से रोकने के लिए देश में लगे 21 दिन के लॉकडाउन के वजह से काम-धंधे ठप हो चुके हैं। सैकड़ों की तादाद में कामगार अपने घरों को लौट रहे हैं। मगर उन्हें ट्रेन या बसें नहीं मिल रहीं। अन्य दूसरे वाहन भी बंद हैं। ऐसे में ज्यादातर कामगार पैदल ही अपने गांव-शहरों को वापस लौट रहे हैं। सिसोलर में भी ऐसे सैकड़ों लोग सड़कों पर नजर आए जो कि यूपी या अन्य राज्यो से ताल्लुक रखते हैं। भूखे-प्यासे पैदल ही वे सैकड़ों किमी के सफर पर निकल पड़े हैं। कुछ लोग बाइकों से भी अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंच रहे हैं। ऐसे लोगों की मदद के लिए सिसोलर थाना की पुलिस एवं कुछ समाज-कल्याण संस्थाएं आगे आई हैं। राह चलते मजदूरों को भोजन-पानी उपलब्ध कराने में जुटी सिसोलर थाने की पुलिस ने मजदूरों एवं उनके साथ चल रहे बच्चे-बूढ़ों के लिए भोजन की व्यवस्था कर गांव तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाई है। वहीं थाना प्रभारी उमापति मिश्र राह गीरो को भोजन-पानी की व्यवस्था कराई। साथ ही परिवहन की व्यवस्था का प्रयास जारी रहा। रविवार को हमीरपुर जिले में हाईवे पर अपने बच्चों और सामान के साथ पैदल जाते हुए मजदूरों को देखा गया। बच्चों को गोद में लिए दिन-रात चल रहे भयंकर गर्मी के कारण मजदूरों के चेहरे पर थकान साफ दिखाई दे रही थी। राजस्थान के मजदूर तेजभाई ने कहा मैं अहमदाबाद के रानीप इलाके में काम कर रहा था। लॉकडाउन के कारण मालिक ने मुझे बस का किराया देकर वापस जाने को कह दिया। लेकिन सभी सार्वजनिक परिवहन बंद होने के कारण हमें परिवार समेत पैदल जाना पड़ रहा है। मजदूरों ने गंभीर जोखिम लिया लेकिन हम कोशिश कर रहे साबरकांठा पुलिस अधीक्षक चैतन्य मांडलिक ने कहा इन मजदूरों ने गंभीर जोखिम लिया है लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है। बहरहाल हमने उनके लिए भोजन बिस्किट और पानी उपलब्ध करवाया है। उनको राजस्थान के सिरोही उदयपुर और डूंगरपुर में स्थित उनके गांवों तक पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि इसके लिए कितना समय लगेगा यह कहना मुश्किल है।