लाक डाउन का मखौल उड़ा मार्गों पर टहल रहे लोग – ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही पुलिस – गरीब एवं असहायों तक लगातार मदद पहुंचा रहे समाजसेवी
न्यूज वाणी ब्यूरो
फतेहपुर। लाक डाउन के छठवे दिन सोमवार को भी मुख्यालय सहित ग्रामीण इलाको में पहले की भांति लोगों की चहल कदमी अर्थात बाइकों व चार पहिया वाहनों से आवागमन जारी रहा। पुलिस व प्रशासन की लचर व्यवस्था के चलते जिले में लाक डाउन की प्रतिदिन धज्जियां उड रही हैं। जिम्मेदार लोग भी आने-जाने वालों से पूंछतांछ करने के बजाए चैराहों पर बाइकें खडी कर कुर्सियां छोडकर इधर-उधर निकलते देखे जा रहे हैं। जबकि प्रधानमंत्री ने मन की बात में देशवासियों से लाक डाउन का पालन करते हुए अपनी जिन्दगी को सुरक्षित रखने की अपील की थी। सरकार के कडे रूख के बावजूद जिला प्रशासन खुद सुस्त दिख रहा है।
बताते चलें कि देश दुनिया में कोरोना वायरस से लगातार हो रही हजारों मौतों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके जीवन को सुरक्षित रखने के लिए पहले चरण में 22 मार्च को जनता कफ्र्यू का आहवान किया था। जो शत प्रतिशत सफल रहा। इसके दो दिन बाद 24 मार्च को राष्ट्र के नाम सम्बोधित अपने संदेश में इस महामारी से बचाव के लिए 21 दिनों अर्थात 14 अपै्रल तक का देश भर में लाक डाउन घोषित करते हुए लोगों से घरों में ही रहने की अपील की थी। प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरन्त बाद पहले दिन शहर पुलिस ने आनन-फानन में दुकानों व प्रतिष्ठानों को बंद करा दिया था। पहले दिन की सख्ती से लगा था कि प्रशासन लाक डाउन का शत प्रतिशत पालन सुनिश्चित करायेगा। लेकिन पहले ही दिन से लोगों का सडकों पर आना-जाना जहां बना हुआ था। वहीं गलियां भी पहले दिन से गुलजार हो गयी थी। छठवें दिन सोमवार को भी शहर का कोई भी हिस्सा ऐसा नही रहा जहां पर लोग बाइकों के साथ-साथ चार पहिया कीमतों वाहनों से फर्राटे भरते न दिखे हों। इसके अलावा लोग पैदल व साइकिलों से भी आते-जाते दिखाई दिये। ताज्जुब इस बात का है कि ड्यूटी प्वाइन्ट पर तैनात पुलिस कर्मी आने-जाने वालों से पूंछतांछ करना भी मुनासिब नही समझ रहे हैं। हद तो तब हो गयी जब एक ई-रिक्शा ड्राइवर समेत पांच सवारियों को लेकर पत्थरकटा चैराहे से स्टेट बैंक रोड पर पुलिस कर्मियों की निगाहों के सामने से निकल गया। जहां लाक डाउन के बावजूद शहर सहित जिले भर के कस्बों व तहसील मुख्यालयों पर लोग विचरण करने से बाज नही आ रहे हैं। वहीं लाक डाउन का थोक व्यापारी पूरा लाभ उठा रहे हैं। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भी तीस फीसदी से अधिक बढा दी गयी हैं। जबकि सरकार के निर्देश हैं कि काला बाजारी करने वालों के खिलाफ एनएसए लगाया जाये। ऐसे में जिले में अधिकारियों की चुप्पी एक बडा सवाल खडा कर रही है। लाक डाउन को लेकर जिले की विभिन्न स्वंय सेवी संस्थाओं एवं समाजसेवियों द्वारा असहाय, गरीबों के साथ ही ड्यूटी पर तैनात पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों को दोपहर बाद लंच पैकेट के साथ ही पानी की बोतले वितरित की गयी। मदद करने वालों में कुछ ऐसे भी लोग सामने आये हैं। जो बंद मुठ्ठी के जरिए जरूरतमंदों को भोजन के साथ-साथ नकदी भी मुहैया करा रहे हैं। लेकिन भगवान के लिए मदद करने वाले ऐसे लोग मीडिया से दूरी बनाये हुए है। ऐसे लोगों का कहना है कि किसी गरीब की मदद करना ईश्वर सेवा से कम नही है और इस तरह की मदद करके प्रचार के जरिए गरीबों का मजाक नही उडाना चाहिए।