न्यूज वाणी ब्यूरो/विष्णु सिकरवार
आगरा। कोरोना वाइरस के चलते जहाँ एक तरफ पूरा देश लॉक डाउन है और सब कुछ बन्द है। वहीं सरकार में बैठे उच्चासीन लोगों के कुछ निर्णय प्रशासन व उच्चाधिकारियों पर भारी पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि प्रधानमन्त्री के निर्देश पर पूरे देश में लॉक डाउन किया गया है। वहीं दिल्ली व अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों व प्रवासी कामगारों के पलायन से प्रशासन को दिन रात एक करने पढ़ रहे हैं। लेकिन समस्या हल नहीं हो पा रही है।
क्षेत्राधिकारी व एसडीएम ने की युद्धस्तर की तैयारी
दरअसल सैंया थाना क्षेत्र में बार्डर है जहाँ कामगारों की भीड़ ग्वालियर हाइवे से पैदल ही अपने गंतव्य की और रवाना हो रही थी लेकिन बीती रात गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद सभी राज्यों की सीमायें सील कर दी गयी है। नतीजा हजारों की संख्या मे लोग सड़कों पर पड़े हुये हैं। दरअसल सरकार के नुमाइन्दे इन कामगारों में ये सन्देश ठीक से नहीं दे पाये कि लॉक डाउन में इन लोगों को करना क्या है और राज्य सरकारों की इन्ही कुछ गलतियों ने लॉक डाउन का मजाक सा बना कर रख दिया हैं। ऐसे में अधिकारी वाकई सदमें में है कि उनको करना क्या है सोमवार को बार्डर पर राजस्थान सीमा पर लगभग चार से पांच हजार की संख्या में लोग आ गये। जिनको राजस्थान की सीमा में पुलिस ने रोक दिया। ऐसे में उपजिलाधिकारी खेरागढ़ अमरीश कुमार बिंद व क्षेत्राधिकारी खेरागढ़ प्रदीप कुमार ने मोर्चा संभाला और सैंया थाना प्रभारी बैजनाथ सिंह ने सैंया थाना क्षेत्र के कुनाल कॉलेज, माही इंटरनेशनल स्कूल, एसआरएस मेडिकल कॉलेज के साथ मोतीलाल इंटर कॉलेज को खुलवा कर सभी मजदूरों के ठहरने व खान पान की उचित व्यवस्था कर रहे हैं। जिसमें प्रवासी मजदूरों को खाने पीने के साथ रुकने की भी उचित व्यवस्था की गयी है। बतौर उपजिलाधिकारी खेरागढ़ उनका पूरा प्रयास है कि खेरागढ़ क्षैत्र मेँ कोई समस्या नहीं होने पाये। लेकिन मजदूर राजस्थान सीमा से सैयां की तरफ लौटने के लिए किसी तरह तैयार नहीं है।
धौलपुर प्रशासन की संवेदनहीनता आई सामने
सर पर बोझा हाथों में मासूम बच्चे और पैदल पथ जो डगर इन लोगों ने चुनी थी इनको तनिक भी अंदाजा नहीं था कि उनके साथ ये सब भी होगा दरअसल सैंया से धौलपुर बार्डर पर हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर थे। वहीं धौलपुर प्रशासन अपने जवानों के साथ हद दर्जे का अमानवीय व्यवहार कर रहे थे। एक तरफ जहाँ मजदूरों के हाथों में मासूम बच्चे रो रहे थे, बिलख रहे थे। वहीं दूसरी तरफ धौलपुर पुलिस बिलखते मजदूरों पर लाठियां बरसा रही थी। राजस्थान प्रशासन का ये अमानवीय व्यवहार देख कर लोग चकित और हैरान थे। बहरहाल एसपी पच्छिमी रवि कुमार, उपजिलाधिकारी खेरागढ़ व सीओ खेरागढ़ एवं स्थानीय पुलिस के द्वारा लोगों के ठहरने की उचित व्यवस्था कर दी गयी है। वहीं मौके पर धौलपुर जिलाधिकारी व एसपी धौलपुर भी मोके पर थे लेकिन दोनों अधिकारियों का ये व्यवहार मानवीय संवेदनाओं पर भारी था।
Prev Post