नई दिल्ली । भारत में फेक न्यूज से निपटने के लिए सरकार ने सोमवार रात कड़े दिशानिर्देश जारी किए थे, जिन्हें मंगलवार को रद कर दिया गया। देश में फेक न्यूज को रोकने के लिए कोई कानून नहीं है। हालांकि इंडियन ब्रॉडकास्टर्स फाउंडेशन और बॉडकास्टिंग कंटेंट कम्प्लेंट काउंसिल जैसे संस्थानों में फेक न्यूज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। एशिया के विभिन्न देशों में फेक न्यूज से निपटने के लिए वहां की सरकारों ने कई प्रावधान लागू किए हैं।
तेजी से फैलती है फेक न्यूज
तकनीकी विकास के चलते झूठी खबरें बनाना और उन्हें प्रसारित करना बहुत आसान हो गया है। सोशल मीडिया के फैलते दायरे के चलते यह पता लगाना लगभग नामुमकिन होता है कि ऐसी खबरों का उद्गम कहां से हुआ हैं। भारत में ही 35 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपभोक्ता हैं, जिसमें से तकरीबन 20 करोड़ वाट्सएप पर सक्रिय हैं। यही कारण है कि कोई भी झूठी खबर जंगल में आग की तेजी से फैलती है।
कानून का दायरा
भारतीय दंड संहिता की धारा 153 और 295 के तहत झूठी खबरों से पीड़ित व्यक्ति झूठी खबर फैलाने वाले के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है।
यहां कर सकते हैं शिकायत दर्ज
न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन : यह निजी टेलीविजन समाचारों और हालिया घटनाओं के प्रसारण पर नजर रखता है।
इंडियन ब्रॉडकास्ट फाउंडेशन : 1999 में इसकी स्थापना हुई थी। यहां 24 * 7 चलने वाले चैनलों की सामग्री के बारे में शिकायत की जा सकती है।
ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कंप्लेंट काउंसिल : टीवी पर आपत्तिजनक प्रसारण या किसी झूठी खबर के बारे में यहां शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया : 1978 के प्रेस काउंसिल एक्ट के तहत यह संस्था किसी समाचार पत्र, किसी समाचार एजेंसी, संपादक, पत्रकार के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
विदेश में प्रावधान
सिंगापुर : जानबूझकर ऑनलाइन माध्यमों पर गलत खबर फैलाए जाने को रोकने के लिए संसदीय समिति उपाय ढूंढ रही है। इस समिति ने सिंगापुर के इतिहास की सबसे लंबी आठ दिनी सुनवाई की है। यह समिति मई में नए कानून के निर्माण के संबंध में रिपोर्ट पेश करेगी।
मलेशिया : झूठी खबरें फैलाने वालों पर 1.70 लाख डॉलर जुर्माना और अधिकतम छह वर्ष कारावास हो सकता है। अगर झूठी खबर से मलेशियाई नागरिक प्रभावित हो रहा है तो ऐसी खबर उड़ाने वाले विदेशी नागरिक को भी सजा दी जा सकती है।
फिलीपींस : राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुतेर्ते ने साफ तौर पर यहां की न्यूज साइट रैपलर को झूठा करार किया है और आधिकारिक आयोजनों की रिपोर्टिंग करने से रोक दिया है। यहां नया कानून बनाया जा रहा है जिसमें गलत खबरें फैलाने पर जुर्माना लगाने के साथ 20 वर्ष तक जेल की सजा का प्रावधान होगा।
थाइलैंड : यहां साइबर सिक्योरिटी कानून के तहत झूठी खबर फैलाने वाले व्यक्ति या मीडिया संस्थानों को सात वर्ष तक की जेल हो सकती है। यहां की सेना ऐसे कानूनों का सख्ती से पालन करती है जिससे शाही परिवार का कोई अपमान न कर सके।