पलायन कर आये लोगों को क्वारंटाइन में सुविधाएं नहीं दे रहे प्रधान

न्यूज वाणी ब्यूरो /चाँद मियाँ खान
खीरी। लॉक डाउन के बाद बाहर से आये मजदूर जो बाहर जा कर रोजमर्रा की जीवन यापन कर अपना पेट पाल रहे थे वो लॉक डाउन के बाद घर को पलायन के लिए मजबूर हो गए वही सरकार द्वारा यह निर्देश दिया गया जो भी बाहर से आये उन्हें क्वांरटाइन कक्ष में 14 दिन के लिए रक्खा जाएगा। जिससे कोई भी व्यक्ति कोरोना से ग्रसित हो उससे किसी अन्य को ये वायरस अपनी चपेट में न ले सकें। क्वांरटाइन कक्ष की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान को दी गई लेकिन यहां तो प्रधान इस आपदा के समय मे मुह मोड़ चुके है। इनको दी जाने वाली सुविधाएं केवल नाम मात्र की दी जा रही है। वही एक मामला मझरा पश्चिम का है जहां क्वांरटाइन कक्ष में रहने वाले आमिर खान, दीना नाथ व अनिल ने बताया कि कक्ष में अपने पैसे से लाइट की व्यवस्था की और सार्वजनिक रुप से उपयोग हेतु एक साबुन दी गई है। बिजली जाने के बाद प्रकाश की कोई व्यवश्ता नही और न ही मच्छर से छुटकारा पाने के लिए कोई उपाय किया गया। दीनानाथ अपनी पत्नी व एक वर्ष के बच्चे के साथ क्वांरटाइन कक्ष में रह रहा है। उस परिसर में अकेले महिला है। जिसको नहाने आदि में परेशानी होती है। उस महिला के बच्चे की तबियत भी सही नही वही जिम्मेदार इन सब बातों से अंजान होकर चैन की नींद सो रहे है। जब पत्रकार उस परिसर में गए तो देखा बाहरी लोगों का तांता लगा था वो भी बिना किसी मास्क व शोसल डिस्टेंस के वही प्रसासन इन सब को नजरअंदाज कर रहा है। वही पत्रकार रानीनगर कालोनी के क्वारीटेंन कक्ष की जांच की तो पता चला कि प्रधान रानी नगर ने प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग व्यवस्था की गई है। एक बड़े से हाल को कई भागो में बाटा गया और हर व्यक्ति को अलग अलग साबुन मास्क सेनेटाइजर की व्यवस्था की गई है। रानीनगर प्रधान धर्मेंद्र ने बताया कि क्वारीटेंन कक्ष की पूरी जिमेदारी प्रधान की है। जैसे लाईट, साबुन, मास्क, सेनेटाइजर, व क्वाइल आदि की व्यवस्था के साथ ही गाँव मे कोई भूखा न सोये। ये सारी सुविधाएं अपने ग्राम निधि से पैसे प्रयोग में किये जा सकते है। इसके लिए शासन का आदेश है।

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