लोकतंत्र का चैथा स्तंभ सब्जी बेचने पर मजबूर

न्यूज वाणी ब्यूरो/चाँद मियाँ खान
खीरी। लोकतंत्र का चैथा स्तंभ सब्जी बेचने पर मजबूर हो गया जबकि बाकी के तीनों स्तंभ ऐश कर रहे हैं। चैथा स्तंभ सब्जी बेचने पर मजबूर है बहुत ही चिंता का विषय है और शर्मनाक बात है। जबकि मीडिया अपनी जान जोखिम में डालकर अपने परिवार को रिस्क पर डालकर रात दिन जनता और देश की सेवा में रहते हैं। शासन की प्रतीक आवाज में अपनी आवाज मिला कर देश के एक-एक नागरिक तक पहुंचाते हैं और देश के एक-एक नागरिक की बात शासन तक पहुंचाते हैं या यूं कहें या यूं कहें कि उच्च पदों पर बैठे हुए लोग और समाज के आखिरी व्यक्ति आखिरी व्यक्ति इन दोनों के बीच का कम्युनिकेशन बीच का माध्यम मीडिया अपनी रिस्पांसिबिलिटी अपने रिसोर्सेस से पूरा करता है लेकिन उन कुर्सियों पर बैठे हुए लोग मीडिया कर्मियों को नजरअंदाज कर रहे हैं। यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। शासन को इस प्रकरण को गंभीरता से लेना चाहिए मैं शासन तक अपनी बात पहुंचाना चाहता हूं कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का चैथा स्तंभ शिद्दत की जिंदगी जीने पर मजबूर हो रहा है इस प्रकरण को इस प्रकरण को गंभीरतापूर्वक विचार करने की जरूरत है समाज के बुद्धिजीवी वर्ग के लोग प्रशासन में उच्च पदों पर बैठे हुए लोग और शासन में देश की जिम्मेदार कुर्सियों पर बैठे लोग पत्रकारों की इस दशा को दिल की गहराइयों से समझे।

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