वाशिंगटन । फेसबुक ने मान लिया है कि कैंब्रिज एनालिटिका के साथ डाटा साझा करने में करीब 5.62 लाख भारतीयों का डाटा शामिल होने की आशंका है। सोशल मीडिया की इस दिग्गज अमेरिकी कंपनी ने माना है कि उसने आठ करोड़ 70 लाख लोगों का डाटा ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका के साथ साझा किया था। इधर सरकार ने कहा है कि वह फेसबुक पर कोई कार्रवाई करने से पूर्व कैंब्रिज एनालिटिका के जवाब का भी इंतजार करेगी।
मंत्रालय के अधिकारी का कहना है कि सरकार फेसबुक पर किसी भी कार्रवाई के संबंध में कदम उठाने से पूर्व कैंब्रिज एनालिटिका के जवाब की भी प्रतीक्षा करेगी। सरकार ने कंपनी से भी छह सवालों के जरिए जानना चाहा है कि उसने भारतीयों के डाटा का किस प्रकार इस्तेमाल किया।
फेसबुक का कहना है कि कैंब्रिज एनालिटिका ने ग्लोबल साइंस रिसर्च लिमिटेड द्वारा विकसित एक एप के जरिए फेसबुक यूजर्स का डाटा प्राप्त किया। फेसबुक के मुताबिक माइडिजिटललाइफ नाम के इस एप को 335 भारतीयों ने डाउनलोड किया। फेसबुक के मुख्य तकनीकी अधिकारी माइक श्राइफर ने एक बयान में कहा कि इंडोनेशिया और ब्रिटेन के करीब दस-दस लाख जबकि भारत के लगभग पांच लाख 62 हजार लोगों की जानकारी फेसबुक ने कैंब्रिज एनालिटिका को दी थी। श्राइफर ने कहा कि लोग आसानी से एप को अपनी निजी जानकारी लेने की अनुमति दे देते हैं। इसलिए एप को जानकारी देते वक्त हमें अधिक सावधान रहना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यूजर की प्राइवेसी बनी रहे उसी दिशा में हम कार्य कर रहे हैं।
फेसबुक का कहना है कि वो ऐसी व्यवस्था बनाने जा रहे हैं जहां, एप यूजर की व्यक्तिगत जानकारी जैसे धार्मिक या राजनीतिक विचार, रिलेशनशिप स्टेटस, दोस्तों की संख्या, शिक्षा और काम की जानकारी, स्वास्थ्य, किताब पढ़ने, संगीत, न्यूज, खेल, वीडियो संबंधी जानकारी नहीं मांगी जाए।
सरकार ने फेसबुक के डाटा चोरी की खबर आने के बाद उसे व कैंब्रिज एनालिटिका को नोटिस भेजा था। दोनों कंपनियों से सात अप्रैल तक जवाब मांगा गया था। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तो फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग को कड़ी चेतावनी देते हुए भारत बुलाकर उनसे पूछताछ करने की चेतावनी दी थी।