मुंबई- बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए गुरुवार को एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए उसकी (हत्यारोपी) की जान को जोखिम में डालने की इजाजत नहीं दी जा सकती। वह जेल में ज्यादा सुरक्षित है। दरअसल, 18 महीने से नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हत्यारोपी ने जितेंद्र मिश्रा ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए कोर्ट से जमानत मांगी थी। आरोपी की याचिका पर गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई हुई।
जेल के हालात शहर से काफी बेहतर:कोर्ट
न्यायमूर्ति जी एस पटेल ने याचिकाकर्ता के वकील शैलेंद्र सिंह से कहा- जेल के हालात शहर से काफी बेहतर हैं। आपको पता नहीं है कि शहर में क्या हो रहा है। ऐसे में याचिकाकर्ता जेल में बेहतर रहेंगे। संसाधन के मामले में जेल प्रशासन, मुंबई के निगम अधिकारियों के मुकाबले ज्यादा बेहतर स्थिति में है। शहर के वर्ली नाका इलाके को देखिए। वहां का हाल बुरा है।
हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि हम इस बात से वाकिफ हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जेलों में कैदियों की भीड़ कम की जाए, लेकिन शहर के हालात को देखकर ऐसा किया जाना चाहिए। बता दें कि मुंबई के वर्ली इलाके में अब तक कुल 133 मरीज मिल चुके हैं, जिसके बाद इस इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। याचिकाकर्ता मुंबई के घाटकोपर इलाके का रहने वाला है।
महाराष्ट्र सरकार ने 11 हजार कैदियों को छोड़ने की बात कही थी
कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने जेल में बंद करीब 11,000 कैदियों को बाहर निकालने का फैसला किया है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि कोरोनावायरस से बचाव के कदम के तौर पर उन्होंने राज्य की 50 जेलों में बंद 36,000 कैदियों में से एक-तिहाई को छोड़ने का फैसला किया गया है। हालांकि, कैदियों को कब से रिहा किया जाएगा इस बात की उन्होंने जानकारी नहीं दी थी।