भोपाल- पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का इकलौता राज्य है जहां न स्वास्थ्य मंत्री है और ना ही गृहमंत्री। अजीब हाल है, पहले 20 मार्च को मेरी सरकार गिराई। 23 मार्च को शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने और इसके बाद लॉकडाउन कर दिया गया। इसे समझिए, मेरी सरकार को गिराने का इंतज़ार हो रहा था। कमलनाथ रविवार को कांग्रेस के यूट्यूब चैनल से ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना की स्थिति गंभीर है। न हमारे पास टेस्टिंग किट हैं और न ही जांचें हो रही हैं।
सिंधिया के नियंत्रण में नहीं था मामला
कमलनाथ ने कहा- 29 फरवरी को मैं और सिंधिया दिल्ली में मिले थे, हमारी प्रदेश मेंं होने वाले उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई थी। मुझे लगता है बाद में ज्योतिरादित्य के हाथ से भी चीजें निकल गईं। भाजपा ने विधायकों के साथ सौदा कर लिया और ज्योतिरादित्य को पता भी नहीं चला। बाकी चीजें बाद में खुलकर सामने आएंगी कि आखिर क्या हुआ था। कोई भी बात छिपी नहीं रहती है, अंत में सामने आ ही जाती है।
कोरोना का संकट है और राज्य में स्वास्थ्य मंत्री ही नहीं
कमलनाथ ने कहा- मेरे पास लोग ई-मेल करके पूछ रहे हैं कि जो मजदूर शहरों से गांव लौटे हैं, उनकी न तो जांच हुई है और न ही उन्हें खाने को मिल पा रहा है। मैं कहता हूं कि हमारे पास न तो टेस्टिंग किट है और न जाचें हो पा रही हैं। कोरोना के कारण देश की आर्थिक हालत खराब होने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि इस समय देश इकोनॉमिक क्राइसिस से गुजर रहा है। इसे ठीक करने के लिए सरकार को योजना बनानी होगी और पैकेज देना होगा। किसानों की समस्या पर कहा कि कोरोना की स्थिति काफी गंभीर है, गेहूं के पके खेत खड़े हैं। ये एक तरह से एक्सप्लोसिव जैसा है। क्योंकि पके हुए खेतों में एक तिनके से आग लग सकती है और वह जल जाएंगे।
20 मार्च को गिरी थी कमलनाथ सरकार
22 विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद 20 मार्च को मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिर गई थी। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 24 मार्च से देशभर में लॉकडाउन की घोषणा हो गई थी। कांंग्रेस के विधायकों को बंगलुरू ले जाया गया था।