25 दिन से फंसे बरातियों के परिजन बोले-झारखंड में हालात ठीक नहीं, अभी वहीं रहो…

अलीगढ़- अभी बराती ही बने रहो। यहां हालात ठीक नहीं। परिजनों की यह बातें सुन अतरौली के गांव विधिपुर में फंसे झारखंड के धनबाद जिले के लोग अपने घर जाने की अब हिम्मत भी नहीं जुटा रहे। वे कोरोना से डरे हैं, जिसका प्रकोप उनके प्रदेश और गांव के आसपास के इलाके में खासा है। बरात विधिपुर नरपत सिंह के यहां 21 मार्च की रात आई थी। उनकी बेटी की शादी धनबाद की तहसील तोपचांची के गांव वैली के रामनाथ के बेटे विजय कुमार से हुई है। विजय कुमार को डर है कि यदि हम किसी तरह अब चले भी गए तो गांव में चौदह दिन के क्वारंटाइन न कर दिए जाएं। रिश्तेदार भी रुकने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि, दो दिन पहले तक जाने के लिए बहुत कोशिश की, पर अब लॉकडाउन हटने का इंतजार कर रहे हैं। 24 दिनों से यहां फंसे रामनाथ तो सेहत के लिए विधिपुर में ही रुका रहना अच्छा मान रहे हैं। बराती श्यामसुंदर ने बताया कि उन्होंने फोन पर अपनी पत्नी से बात की थी। पत्नी ने बताया कि गांव में हालात ठीक नहीं। कई संदिग्ध मिले हैं। वहां की चिंता तो है, लेकिन यहां भी कब तक फंसे रहें। लॉकडाउन का समय खत्म होने का इंतजार था, लेकिन अब और बढ़ा दिया है। इससे संकट बढ़ता ही लग रहा है।नौ बराती सुबह एक मकान में नाश्ता कर रहे थे। आपस में संवाद शुरू हो गया। एक ने कहा कि आज 24 दिन हो गए पर अभी कुछ पता नहीं कि कब विदा ले पाएंगे। इस बीच पुलिस भी पहुंच जाती है, जो बरातियों से खानपान की पूछती है। बराती कहते हैैं कि नहीं अब कोई कमी नहीं है। यह कोरोना के ग्रहण से प्रभावित एक बरात है। मढ़ार इतनी लंबी हो गई है कि मेजबान की क्षमता खत्म हो चुकी है। थाने से भोजन की आस पूरी हो पा रही है। टीवी पर नजर रहती है कि यह खबर आए कि कब लॉकडाउन खुलेगा और दुल्हन की विदाई कराकर ले जाएं। 21 मार्च की रात को बरात आई। अगले दिन फेरे थे लेकिन, उस दिन जनता कफ्र्यू की घोषणा हो गई। दोनों ही पक्षों के लोगों ने 23 मार्च को जाना तय कर लिया, लेकिन 22 मार्च की रात ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई। रेलवे स्टेशन व रोडवेज अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन बात नहीं बनी। निजी वाहन चालक भी तैयार नहीं हुए। इसके बाद नरपत सिंह ने बरातियों को पड़ोसी के मकान के बरामदे में रखा है। दुल्हन अपने ही घर में है। दुल्हा भी दो बहनों के साथ ससुराल में रुका है। पेशे से किसान नरपत सिंह की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं। इसके चलते उन्होंने प्रशासन से कुछ दिन पहले मदद मांगी। दो दिन पूर्व अधिकारी घर पहुंचे और खाने की व्यवस्था की हां कर गए। साथ ही शारीरिक दूरी का ध्यान रखने को समझाया। थाना प्रभारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि बरातियों के खाने का इंतजाम कर दिया गया है। पुलिस सोमवार को भी बरातियों का हाल लेने को पहुंची। साथ ही उनसे कहा कि इसे घर ही समझें, परेशान ना हों।

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