नई दिल्ली। रेल मंत्री पीयूष गोयल के मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को देश का पहला म्यूजियम-कम-रेलवे स्टेशन बनाने की महत्वाकांक्षी योजना पर पलीता लग गया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना को खारिज कर दिया है।
सूत्रों ने बताया है कि गोयल और रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अफसरों की विगत 26 मार्च को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का औचित्य पूछा था। प्रधानमंत्री ने प्रस्तावित संग्रहालय के लिए रेलवे कलाकृतियों की कमी का हवाला देते हुए इसके लिए मना किया है। बताया जाता है कि रेलवे बोर्ड भी गोयल के संग्रहालय बनाने के विचार से असहमत है। बोर्ड का मानना है कि स्टेशन को संग्रहालय बनाने से बहुत से रेल कर्मियों को अपने स्थान से हटाना होगा और उन्हें खपाने के लिए कहीं अन्य भेजना होगा जो संभव नहीं है। रेलवे मंडल ने भी इस पर आपत्ति जताई थी।
रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार एतिहासिक सीएसटी रेलवे स्टेशन वर्ष 1878 में बनना शुरू हुआ था और दस साल में बनकर तैयार हुआ था। मध्ययुगीन इटैलियन मॉडल के डिजाइन के तौर पर इसे बनाया गया था। इसे वर्ष 2004 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा मिला था। पीयूष गोयल ने सीएसटी रेलवे स्टेशन को विश्व स्तरीय संग्रहालय बनाने की बात पिछले साल नवंबर में यहां आने पर की थी। अब तक कम से कम 13 कंपनियों ने दो मंजिला संग्रहालय के लिए अपने डिजाइन भेजे हैं।
समझा जाता है कि मोदी ने पीयूष गोयल के रेलवे सिग्नल के यूरोपीय अंदाज में आधूनिकीकरण की योजना को भी लाल झंडी दिखा दी है। गोयल ने रेलवे के लिए और सफाई कर्मचारियों की भी दरकार बताई थी। लेकिन उन्हें कहा गया है कि वह फिलहाल मौजूदा कर्मचारियों से ही काम चलाएं।