फतेहपुर। न्यूज़ वाणी निजी विद्यालयों की मनमानी एवं अभिभावकों से फीस के नाम पर किया जा रहा शोषण के विरूद्ध जिला अभिभावक संघ के पदाधिकारियों ने पदर्शन करते हुये जिलाधिकारी के नाम सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी को सौपकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर शासन के मंन्शा के अुनरूप विद्यालय का संचालन कराने हेतु निर्देशित किये जाने की मांग किया।
सोमवार को जिला अभिभावक संघ के जिलाध्यक्ष दीपक कुमार डब्लू की अगुवायी में पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुचकर पदर्शन करते हुये उपजिलाधिकारी को 12 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौपकर मांग किया कि निजी विद्यालयो की मनमानी पर रोक लगाये जाने की मांग की। जिसमें शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप फीस लेने व उसका विवरण अभिभावको को दिये गये प्रवेश शुल्क व मनमानी शुल्क वृद्धि पर रोक, निजी विद्यालयों में स्वयं के प्रकाशन के स्थान पर एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पुस्तके चलाये जाने, शासन की मंशा के अुनसार 25 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बच्चो का प्रवेश किये जाने, विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं की शैक्षिक योग्यता सार्वजनिक करने, मान्यता विहीन विद्यालयों पर रोक लगाये जाने समते 12 सूत्रीय मागे शामिल रही। जिलाध्यक्ष दीपक कुमार डब्लू ने कहाकि यदि निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिये जिला प्रशासन कार्यवाही नही करता तो अभिभावकों के हो रहे शोषण को रोकने को संगठन आन्दोलन करने को वाध्य होगा। इस मौके पर अनिल शुक्ला, अरविन्द नारायण मिश्रा, प्रेम शंकर द्विवेदी एडवोकेट, धर्मेन्द्र मिश्रा, सुशील मिश्रा एडवोकेट, अनिल सिंह, वेद प्रकाश तिवारी, शैलेन्द्र कुमार, मो0 तारिक, अविनाश सिंह, सुनील बाजपेई, सत्येन्द्र अग्रहरी आदि मौजूद रहे। निजी स्कूलों की मनमानी पर छात्रनेता ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज लगाई गुहार
वहीँ पर प्राइवेट स्कूलों के मनमानी फीस लेने एवं अभिभावकों के किये जा रहे शोषण पर रोक लगाये जाने के लिए छात्र नेता एहसान खान ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर समस्याओं का निदान कराये जाने की मांग किया। मुख्यमंत्री के भेजे शिकायती पत्र मे छात्र नेता एहसान खान ने अवगत कराया कि निजी स्कूलों मे एक कक्षा से दूसरी कक्षा मे प्रवेश के नाम पर शुल्क को वसूला जा रहा है वहीं कापी किताब व ड्रेस लेने के लिए भी अभिभावकों को विशेष दुकान पर जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है। साथ ही मांग किया कि जिलाधिकारी व जिला विद्यालय निरीक्षक की अध्यक्ष़्ाता मे कमेटी का गठित कर प्राइवेट स्कूलों द्वारा किये जा रहे शोषण की जांच कराकर उन पर कार्यवाही की जाये। निजी विद्यालयों द्वारा कैपिटल फीस न वसूले जाने व ड्रेस समाग्रियों के लिए विशेष दुकान पर जाने के लिए बाध्य न करने को लिखित मे लिया जाये। विवरण पुस्तिका और पंजीकरण शुल्क भी केवल प्रवेश के समय एक बार लिये जाने के साथ विद्यालय की फीस एक बार मे न लेकर मासिक, त्रैमासिक, अद्धवार्षिक ली जाये। विद्यालय छोड़ने पर छात्रों से लिया गया प्रतिभूति शुल्क सभी देयों को समायोजित कर उन्हें वापस करने समेत आदि मांगे शामिल रही।