न्यूज़ वाणी ब्यूरो/संजीव शर्मा
इटावा- सैफई इटावा चिकित्सा विश्वविद्यालय, सैफई के कोविड-19 अस्पताल में अभी तक कुल 72 कोविड पाॅजिटिव मरीज भर्ती है। जिनमें 67 मरीज एसिम्पटमेटिक, 4 मरीज जिनमें हल्के लक्षण मिले हैं तथा एक मरीज को आक्सीजन की आवश्यकता है। इसके अलावा 5 मरीज ट्रायज में हैं जिनको निगरानी में रखा गया है तथा 12 लोगों को क्वाॅरंटाइन में रखा गया है। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 डा0 राजकुमार ने दी। उन्होंने यह भी बताया कि चिकित्सा विश्वविद्यालय द्वारा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कुछ अराजक तत्वों द्वारा व्यवधान डालने की कोशिश की जा रही है। यदि बार-बार बताने तथा समझाने के बाद भी ये अराजक तत्व विश्वविद्यालय तथा कोविड-19 अस्पताल की छवि धूमिल करेंगे तो विश्वविद्यालय प्रशासन इनसे कड़ाई से निपटेगा। इस सम्बन्ध में विश्वविद्यायल के प्रतिकुलपति प्रो0 डा0 रमाकान्त यादव ने कहा कि कोविड-19 अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती लगभग सभी मरीज विश्वविद्यालय द्वारा दिये जा रहे इलाज, भोजन तथा अन्य सुविधाओं से संतुष्ट हैं। संज्ञान में आया है कि मेडिकल विश्वविद्यालय सैफई के कोविड-19 अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती चार मरीज जो कि पारस अस्पताल, आगरा के स्टाफ एवं कर्मचारी हैं उनके द्वारा फेक वीडियो एवं झूठी कम्पलेन बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया जा रहा है। इनके द्वारा मेडिकल टीम द्वारा दिये जा रहे इलाज में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा है। एसडीएम सैफई हेम सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सिर्फ यही चार मरीज जो कि पारस अस्पताल, आगरा के हैं वही बार-बार सोशल मीडिया में फेक विडियो, फोटो तथा झूठी शिकायतें अपलोड कर रहे हैं। यह उनके द्वारा किये गये प्राथमिक जाॅच में सामने आया है। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इन चारों के खिलाफ दिये जा रहे तहरीर के आधार पर आगे की कार्यवाही की जायेगी। चिकित्सा अधीक्षक डा0 आदेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में कोविड-19 के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कुछ मरीज मेडिकल टीम को सहयोग नहीं करने के साथ मास्क नहीं पहनते तथा आइसोलेशन वार्ड में अपने बेड पर न रहकर कोविड-19 अस्पताल की सीढियों तथा गैलरी आदि में घूमते रहते हैं तथा मना करने पर कोविड-19 अस्पताल के स्टाफ के साथ गाली-गलौज करते हैं। इस सम्बन्घ में कुछ वीडियो फुटेज भी विश्वविद्यायल के पास उपलब्ध हैं। इसके अलावा कोविड-19 अस्पताल के साफ-सफाई से सम्बन्धित कुछ वीडियो तथा फोटो सोशल मीडिया में सर्कुलेट किये जा रहे हैं जो वास्तव में कोविड-19 अस्पताल के नहीं हैं।