बुंदेलखंड नव निर्माण सेना के द्वारा मजदूरों की मांग को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक अनशन मुख्य कार्यालय कुनेहटा में संपन्न हुआ

न्यूज़ वाणी ब्यूरो
हमीरपुर- जनपद में बुद्धवार को बुंदेलखंड नव निर्माण सेना के द्वारा मजदूरों की मांग को लेकर एक दिवसीय सांकेतिक अनशन मुख्य कार्यालय कुनेहटा में संपन्न हुआ यह अनशन तमाम गावों नगरों में सभी कार्यकर्ताओं ने अपने घरों में रहकर इस आंदोलन में अपनी भूमिका निभाई। आंदोलन मे मुख्य रूप से सेना अध्यक्ष विनय तिवारी ने बताया की बुंदेलखंड हमेशा प्राकृतिक आपदाओ का दंश झेलता रहा है। इसी कारण बड़ी मात्रा मे किसानो ने भी पलायन किया। और अन्य महानगरो मे मजदूर बनकर मजदूरी करने पर मजबूर हुए । जहाँ आज पूरा विश्व कोविड -19 से ग्रसित है उसी को देखते हुए सम्पूर्ण देश मे प्रथम चरण के 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया। जिसके कारण सभी मजदूर अन्य प्रदेशों मे फस गए और सरकार ने दावा किया था की सभी मजदूरों के भोजन और अन्य खर्चो की व्यवस्था की जायेगी। साथ ही सभी कामगारों को उनका निश्चित वेतन भी दिया जायेगा। लेकिन सभी वादे कोरे साबित हुए इसी कारण बड़ी मात्रा मे लोगो ने पलायन शुरू कर दिया। और वापस अपने घर की ओर पैदल ही आने पर मजबूर हो गए जिसको देखते हुए बुंदेलखंड नव निर्माण सेना ने अनेको बार अधिकारियों से बात करने की कोशिश की जो निराधार साबित हुई उसी को देखते हुए कल उपजिलाधिकारी मौदहा को लिखे पत्र मे बताया की जल्द 6 मई दिन बुधवार को सम्पूर्ण बुंदेलखंड मे सेना के पदाधिकारी अपने घरों व कार्यालय मे लॉक डाउन के नियमो का पालन करते हुए सांकेतिक रूप से एक दिवसीय धरना देंगे। साथ ही यदि जल्द ही मजदूरों को घर नही भेजा गया तो मजबूरन हम सभी अनिश्चित कालीन अनशन करने को बाध्य होंगे। जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी। आज अनेक क्षेत्रों मे संगठन के पदाधिकारी अनशन पर बैठे रहे। मुख्य रूप से सचिन श्रीवास, नितिन पाण्डे मौदहा, देवराज यादव रमना, नीरज वर्मा मकराव , सतीश त्रिपाठी (ऋषिकेश), हेमंत (इमिलिया), दीपक सविता , रामकरन वर्मा, लवकुश , अखिलेश, शारदा, राघव, ऋषि आदि हजारो कार्यकर्ताओ ने अपने अपने क्षेत्र मे अपने अपने घरों पर अनशन पर बैठे रहे जिसमे मुख्य रूप से निम्न मांगे रही –
1 – बुंदेलखंड के मजदूरों की जल्द से जल्द घर वापसी की जाए।
2- सभी मजदूरों के खाने व आने का पूरा खर्चा सरकार वाहन करे।
3- मजदूरों की घर वापसी के बाद उनके रोजगार व परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी सरकार उठाये।
4- बुंदेलखंड मे रोजगार के पर्याप्त साधन उपलब्ध करवाये जिससे आगे लोगो को पलायन ना करना पड़े।
5- मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिये जहाँ व्यवस्था नही हो पा रही है वहाँ उनको टोल फ्री नंबर उपलब्ध करवाये जिससे वह काल करके अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकें।

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