अल्ट्रासाउंड सेन्टरो पर सरकार का नही चलता आदेश! सेन्टरों पर उमड़ती भीड़, नहीं हो रहा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन!

न्यूज़ वाणी ब्यूरो
शाहजहाँपुर- ज़िला प्रशासन के आदेश को ताख़ पर रख कर, अल्ट्रासाऊंण्ड सेंटर, सोशल डिस्टेंसिंग की दम कर धज्जियाँ उङा रहे! महानगर स्थित सत्यानन्द अल्ट्रासाउंड सेन्टर, एवं कृष्णा अल्ट्रासाउंड आदि सेन्टरो में मरीज जहाँ मास्क तक लगाये नज़र नही आ रहे हैं तो वहीं धन कमाई के लालच नें, सेंटर स्वामी, सोशल डिस्टेशन का भी पालन नही करा पा रहे हैं! महानगर शाहजहाँपुर स्थित अल्ट्रा साऊंण्ड सेंटर, जहाँ प्रशासन की आदेशो की धज्जियाँ उड़ा रहे है तो वहीं सरकार के दिशा निर्देशो को रद्दी की टोकरी में डालते हुये और स्थानीय प्रशासन की आँखो में धूल झोकने के लिए सेन्टरों के गेट सामने से बन्द रखते हैं, जिससे कि कोई अधिकारी अगर सामने से गुजरे तो उसकी नजर में न आएं! बताया गया कि कानून को अपनी जेब में रखने वाले अल्ट्रासाउंड सेन्टर संचालकों को रत्तीभर सरकार का खौफ नही और न ही कोई जर! क्योंकि अभी हाल ही में सत्यानन्द अल्ट्रासाउंड सेन्टर काफी सुर्खियों में रहा था! यहां डॉ सत्यप्रकाश मिश्रा एवं उनके स्टाफ द्वारा भ्रूण परीक्षण के रैकेट का खुलासा हुआ था जिसमें डॉ सत्यप्रकाश मिश्रा की काफी किरकिरी भी हुई थी जबकि पूरे मामले में डॉ सत्यप्रकाश मिश्रा द्वारा अपने अल्ट्रासाउंड सेन्टर पर काम करने वाले एक स्टाफ के सिर पर सारा ठीकरा रखकर अपने आपको बचाया गया था! सूत्र तो यहां तक बताते हैं कि जिस कर्मचारी की संलिप्तता दर्शायी गई थी वह मोटी रकम लेने के बाद तैयार हुआ था जिसे अपनी जमानत करवानी पड़ी और डॉ सत्यप्रकाश मिश्रा को बमुश्किल बचाया जा सका! इतना सब होने के वावजूद फिर से अल्ट्रासाउंड सेन्टर पर भीड़ उमड़ने लगी, जिससे एक बार फिर लगने लगा कि कुछ तो है वर्ना शहर में अल्ट्रासाउंड सेन्टर तो दर्जनों की संख्या में मौजूद है परन्तु हर किसी का एैसा हाल देखने को नही मिल रहा! साथ ही कुछ एैसा ही हाल कृष्णा अल्ट्रासाउंड सेन्टर का भी है! इस सेन्टर की संचालिका डॉ सुमन भी इससे पहले कई बार चर्चाओं में रह चुकी हैं इस सेन्टर पर भी भ्रूण परीक्षण की कई घटनाएं सामने आ चुकी है! एक कथित मरीज व्यक्ति द्वारा इस सेंटर का स्टिंग ऑपरेशन भी किया जा चुका है और फिर उस मामले को सांठगांठ कर दबा दिया गया था, परंतु कोरोना जैसी महामारी में सीएमओ के आदेश पर ही प्राइवेट डॉक्टर ओपीडी कर सकते हैं तथा अल्ट्रासाउंड एवं पैथोलॉजी चलाने वाले संचालक सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के तहत अपना कार्य कर सकते हैं परंतु अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालकों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता! इन सेंटरों पर रोजाना उमड़ने वाली भीड़ से अंदाजा लगाया जा सकता है कि, किस तरह यह अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ा रहे और लोगों की जान से खिलवाड़ करने पर उतारू है! सूत्रो की माने तो, महानगर स्थित, कच्चा कटरा स्थिति अपना प्राइवेट क्लीनिक व अल्ट्रासाउंड सेन्टर चलाने वाले डॉ सत्यप्रकाश मिश्र व सुमन रस्तोगी के क्लीनिक पर सुबह से ही मरीज़ व उनके साथ आए तीमारदारों की लाइन लग जाती है! 60 से 70 लोग क्लीनिक पर इकट्ठा हो जाते है जिनमे से किसी के मास्क लगा होता है तो किसी के नही, लेकिन ङाक्टर साहब किसी को सोशल ङिस्टेन्स ,मास्क ,व अन्य जागरूकता फैलाने मे कोई दिलचस्पी नहीं दिखाते,उन्हें तो सिर्फ अपनी कमाई से मतलब होता!

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