प्रेमिका का मर्डर छुपाने के लिए नौ और कत्‍ल, पुलिस ने सुलझाई कुएं में रहस्यमयी मौतों की गुत्थी

तेलंगाना-पिछले सप्‍ताह एक कुएं से मिलीं नौ लाशों के मिलने की रहस्यमयी गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। वारंगल के कुएं में मिलीं नौ लाशों के मामले में पुलिस ने हैरान करने वाला खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि एक हत्या को छुपाने के लिए 26 साल के शख्स ने ये सभी हत्याएं की हैं। सोमवार को पुलिस आरोपी संजय यादव को गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि पिछले सप्ताह जब ये घटना आई थी तो हड़कंप मच गया और माना गया कि ये सभी आत्महत्या के मामले हैं, मगर पुलिस ने रोंगटे खड़े करने वाले ये खुलासे किए हैं।

वारंगल के कुएं में 9 लोगों की सनसनीखेज मौतों की गुत्थी सुलझाने का दावा करते हुए सोमवार को पुलिस ने कहा कि यह एक कोल्ड ब्लडेड मर्डर था, जिसे 26 साल के एक शख्स ने अंजाम दिया। उसने हाल ही में एक महिला की हत्या को छिपाने के लिए ये हत्याएं कीं। आरोपी संजय कुमार को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया और वह बिहार का बताया जा रहा है।

इस गुत्थी को सुलझाने के लिए छह स्पेशल टीम जांच में जुटी थी। आरोपी ने अपने जुर्म कुबूल कर लिया है। तीन दिन पहले गोरेकुंटा गांव से जो 9 शव मिले थे, उनमें से 6 एक ही परिवार के सदस्‍य थे।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पुलिस कमिश्नर डॉ रवींद्र ने कहा, ’21 और 22 मई को शव कुएं से बरामद किए गए थे। जांच में यह सामने आया है कि आरोपी संजय ने राफिका की हत्या को छिपाने के लिए इन सभी की हत्या कर दी। राफिका के साथ संजय के संबंध थे।’

उन्होंने कहा कि संजय यादव की मकसूद नामक शख्स और उसकी भाभी राफिका से जान-पहचान थी। धीरे-धीरे वह राफिका के काफी करीब आ गया था और वह राफिका के तीन बच्चों समेत उनके साथ रहने लगा। इस दौरान यादव ने राफिका की 15 वर्षीय बेटी के साथ दुर्व्यवहार करने की कोशिश की। राफिका को यह पसंद नहीं आया और उसने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करने की धमकी दी।

इसके बाद संजय यादव ने उसकी बेटी के साथ रहने के लिए राफिका को मारने की योजना बनाई। यादव ने राफिका को शादी करने का वादा किया और परिवार से बात करने का झूठा बहाना बनाकर राफिका को लेकर 7 मार्च को पश्चिम बंगाल के लिए ट्रेन में सवार हो गया। यादव ने रास्‍ते में फूड पैकेट में नींद की गोलियां मिलाकर राफिका को बेहोश कर दिया। उसके बाद गला दबाकर उसे ट्रेन के बाहर फेंक दिया।

पुलिस के मुताबिक, यादव जब वारंगल पहुंचा तो वह अकेला था। मकसूद की पत्नी निशा उससे लगातार पूछती रही कि राफिका कहां है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर निशा ने उसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की धमकी दी। इसके बाद एक पूर्व निर्धारत उद्देश्य के साथ 16 से 20 मई तक यादव मकसूद के परिवार से मिलने गया जो जो एक बोरे के कारखाने में रहता था।

पुलिस के मुताबिक, पकड़े जाने के डर से यादव ने इन सभी को अपने रास्ते से हटाने की एक योजना बनाई। उसने वारंगल से नींद की गोली खरीदी और मकसूद के बड़े बेटे के जन्मदिन यानी 20 मई को खाने में मिला दिया।

मकसूद और उसके परिवार के पांच सदस्य उसके साथ रहते थे। यादव ने खाने में नींद की गोलियां मिला दीं। मकसूद का एक फैमिली फ्रेंड शकील भी वहां था। यादव फैक्ट्री के पहली मंजिल पर भी गया, जहां दो मजदूर रहते थे। उनके खाने में भी उसने नींद की गोलियां मिला दीं। इस तरह से उसने राफिका की हत्या छिपाने के लिए नौ लोगों की हत्या कर दी। रात 12.30 बजे यादव जगा औ उसने देखा कि सभी गहरी नींद में सो रहे हैं। इसके बाद उसने बोरा लिया और उन सबको खींचकर कुएं के पास ले गया। बारी-बारी से उसने बोरियों में डालकर सबको कुएं में फेंक दिया।

पुलिस के मुताबिक, इस मामले की तहकीकात छह टीम कर रही थी। यादव गिरफ्तार हो गया है और अब उसे पुलिस कस्टडी में रखा जाएगा। पुलिस ने कहा कि उसे अधिक से अधिकतम सजा के लिए सभी सबूत इकट्ठा करेंगे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.