हिंसा की आशंका से खाली कराए गए आसाराम के आश्रम, फोर्स तैनात

जयपुर । नाबालिग छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप में कई साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम के मामले में फैसला आने वाला है। जोधपुर एससी, एसटी कोर्ट 25 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। इसको लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है। पंचकूला में राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद हुई हिंसा से सबक लेते हुए जोधपुर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है। जोधपुर स्थित आसाराम के दो आश्रमों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। जोधपुर के पाल और मणाई स्थित दोनों आश्रमों पर फोर्स तैनात कर दिया गया है।

पाल आश्रम में पिछले कई सालों से रह रहे आसाराम के भक्तों को उनके घर के लिए रवाना कर दिया गया है। इन लोगों को आश्रम से बाहर भेजने से पहले इनके नाम और स्थायी पते की जानकारी लिखने के साथ ही परिचय पत्र की फोटो कॉपी भी ले ली गई है। वहीं, शहर में आने वालों पर नजर रखी जा रही है। रविवार को आश्रम के बाहर बने टिनशैड के नीचे अब मात्र 10 महिला भक्त बैठी नजर आई, इन्हे भी यहां से सोमवार तक भेज दिया जाएगा। आश्रमों के बाहर तैनात पुलिसकर्मी यहां आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं।

शनिवार तक प्रतिदिन दो से चार भक्त दोनों आश्रम में आते-जाते रहते थे, लेकिन रविवार को इन्हे खाली कराने के बाद भक्त नहीं आ रहे है। पाल आश्रम में प्रबंधन का काम देख रहे दो भक्तों से मीडियाकर्मियों ने जब पूछा कि 25 अप्रैल को कितने लोग बाहर से आ सकते हैं तो उन्होंने कहा कि बाहर से कोई भी नहीं आएगा। इन भक्तों का कहना है कि आसाराम ने अपने समर्थकों से यहां नहीं आने की अपील की है। भक्त बोले कि कोर्ट तो फैसला सुबूतों के आधार पर देगा। फिर यहां भीड़ एकत्रित करने से क्या फायदा होगा।

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