बीजिंग । चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत चीन सीमा वार्ता के लिए नए विशेष प्रतिनिधि होंगे। वांग ने अपने वरिष्ठ सहकर्मी यांग जाइची की जगह ली है, जो अब कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन (सीपीसी) के पोलितब्यूरो सदस्य बन गए हैं। बता दें कि 64 वर्षीय वांग 64 की नियुक्ति की पुष्टि रविवार को उस वक्त हुई जब विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें भारत-चीन सीमा वार्ता के लिए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जाने पर बधाई दी। वांग ने सुषमा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की।
वांग यी हाल के वर्षों में ऐसे पहले चीनी अधिकारी हैं जो स्टेट काउंसेलर और विदेश मंत्री दोनों के पद पर हैं। स्टेट काउंसेलर भारत-चीन सीमा वार्मा के विशेष प्रतिनिधि के तौर पर नामित हैं। वहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भारत के विशेष प्रतिनिधि हैं। बता दें कि विशेष प्रतिनिधि सीमा मुद्दों के अलावा भारत-चीन संबंधों के सभी पहलुओं पर नजर रखेंगे और नियमित अंतराल पर द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। जाहिर है कि पिछले दिनों डोकलाम सीमा को लेकर भारत और चीन के बीच तनातनी का माहौल बना रहा।
प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस महीने के आखिरी सप्ताह में मुलाकात करेंगे। पिछले साल डोकलाम में दोनों देशों के बीच लंबे समय तक चले सैन्य गतिरोध के बाद दोनों देशों के लिए यह बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है। पेइचिंग में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बताया कि राष्ट्रपति जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच वुहान में 27 और 28 अप्रैल को अनौपचारिक शिखर बैठक होगी।