खड़ी ट्रैक्टर ट्राली से टकरा कर प्रभारी प्रधानाध्यापक की मौत

न्यूज वाणी ब्यूरो
रतनपुरा/मऊ। शिक्षा क्षेत्र रतनपुरा अंतर्गत कम्पोजिट विद्यालय अतरौल पाण्डेय के प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार सिंह 48 वर्ष की एक सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। दर्दनाक हादसा बुधवार की सायं 7ः30 बजे के लगभग का है। बताया जाता है कि अतरौल पांडेय ग्राम पंचायत निवासी संजय कुमार सिंह पुत्र स्वर्गीय लाल बहादुर सिंह रतनपुरा प्रखंड के अतरौल पांडेय स्थित कम्पोजिट विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत थे। वे प्रतिदिन अपने मऊ स्थित आवास से बाइक द्वारा अतरौल पांडेय विद्यालय पर शिक्षण कार्य करने आते थे। बुधवार को वह कम्पोजिट विद्यालय पर शिक्षण कार्य करने आए थे, और विद्यालय का कार्य निपटाने के बाद वह सायंकाल बाइक से अपने मऊ स्थित आवास पर जा रहे थे कि वह अनियंत्रित होकर खड़ी ट्राली से टकरा गये। जिससे उनकी मौत हो गई। पिछले कुछ दिनों से संजय सिंह मऊ में ही मकान बनाकर परिवार सहित रहते थे। जैसे ही उनकी बाइक रतनपुरा कस्बा के डीह तिलक ठाकुर पूरवे के समीप पहुंची, उसी दौरान सामने से आ रही एक ट्रक की तेज रोशनी से उनकी आंखें चुंधिया गई। जिससे अपनी बाइक सड़क के किनारे करना चाहे परंतु सड़क पर खड़ी ट्राली से उनकी बाइक टकरा गई, और हेलमेट पहनने के बावजूद भी उनके सिर का अगला हिस्सा बुरी तरह चोटहिल हो गया। वे सड़क पर गिरकर तड़फङा रहे थे तभी मऊ का एक युवक जो रतनपुरा से मऊ को जा रहा था। उसने सड़क पर तड़पते एक घायल व्यक्ति को देख कर अपनी गाड़ी रोकी, तब तक कुंजवन कुटीर के महंत अरुणेश त्रिपाठी पहुंच गए और उन्होंने घायल की पहचान अतरौल पांडेय निवासी संजय कुमार सिंह के रूप में की। तुरंत दूरभाष से उनके परिजनों को सूचित किया। संजय सिंह को एक टेंपो रोककर उन्हें उपचारार्थ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रतनपुरा ले जाया गया। सूचना पर परिजन भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए, परंतु प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जिला अस्पताल के लिए डाक्टरों ने रेफर कर दिया। रतनपुरा से मऊ अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। जब वह मऊ के एक निजी चिकित्सालय में पहुंचे तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बुधवार को घटित इस खबर से संपूर्ण क्षेत्र में शोक का वातावरण छा गया। खासकर शिक्षा क्षेत्र में तो लोग काफी सदमे में रहे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम के बाद शव मऊ से जब उनके गांव पहुंचा तो सैकड़ों की भीड़ शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने के लिए और मृतक प्रधानाध्यापक को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पैतृक गांव अतरौल पाण्डेय पहुंच गये। परिवारी जनों के करुण क्रंदन से संपूर्ण वातावरण शोकमग्न हो गया था। हर तरफ सिर्फ एक ही आवाज आ रही थी कि विधाता ने यह क्या कर दिया। लगातार बारिश के बावजूद भी बड़ी संख्या में लोगों ने उनके आवास पर पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन कर परिजनों को ढाढस बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उनका अंतिम संस्कार गाजीपुर से गंगा घाट पर किया गया।

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