फतेहपुर। न्यूज़ वाणी नफीस जाफरी फतेहपुर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्य नाथ भले ही एक्शन मोड मे आ गये हों लेकिन इसका असर जिला अस्पताल मे देखने को नही मिल रहा है। बेखौफ डाक्टर अपनी मनमानी पर लगाम नही लगा रहे हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर गरीब को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा पर विभिन्न तरीकों से जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। बताते चले कि इन दिनों जिला अस्पताल मे भ्रष्टाचार एवं अव्यवस्थाओं का बोलबोला है। दूर दराज से अपने लोगों का इलाज कराने आये लोगों को चिकित्सालय मे जहां डाक्टर अपनी सीट मे नही मिलते और यदि घण्टों प्रतिक्षा के बाद मिल भी जाते हैं तो मरीजों को मोटे कमीशन के लालच मे चिन्हित मेडिकल स्टोरों के लिए बाहर की दवा लिखकर पर्ची पकड़ा दी जाती है। भ्रष्टाचार मे गले तक डूबे डाक्टरों द्वारा सदर अस्पताल के बाहर फैले मेडिकल स्टोरों के साथ मिलकर कमीशन के इस काले खेल मे जमकर रोगियों का शोषण किया जा रहा है। मरीज जिला अस्पताल भले ही बेहतर इलाज पाने के मकसद से आता हो मगर डाक्टरों के कमीशन खोरी मे इस खेल से मरीजों को अस्पताल की जगह ज्यादातर बाहर से दवा लेने को बाध्य किया जाता है। इतना ही नहीं मरीजों की बीमारी को अत्यंत गंभीर बताकर निजी जांच केन्द्रों मे भेजा जाता है जहां जांच के नाम पर गरीब मरीजों का जमकर शोषण किया जाता है। बदले मे जांच केन्द्रों से डाक्टरों को मोटा कमीशन मिलता है वहीं मरीजों की जांच रिपोर्ट देखकर उन्हें निजी नर्सिंग होमों मे इलाज कराये जाने के लिए भेजा जाता है। कमीशन खोरी के इस काले धंधे से स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसर अंजान नही है। ऐसे मे डाक्टरों द्वारा अफसरों के नाक के नीचे मुख्यमंत्री के निर्देशों को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जा रहा है जिससे प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त अभियान को डाक्टर खुली चुनौती देने मे लगे हैं। डाक्टरों के भ्रष्टाचार का मामला यही पर नही खत्म होता जिला चिकित्सालय मे तैनात कई डाक्टर निजी प्रैक्टिस करने के साथ प्राइवेट नर्सिग होमों मे जाकर अपनी सेवायें दे रहे हैं।
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जहाँ भी लुटता है गरीब ही लुटता है चाहे अस्पताल हो चाहें………………..