न्यूयार्क । भारत अगले दशक की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। हावर्ड विवि की रिपोर्ट कहती है कि देश की वृद्धि दर सालाना 7.9 रहेगी और यह देश अमेरिका व चीन से भी ज्यादा रफ्तार से तरक्की करेगा। 2026 में चीन की वृद्धि दर 4.9 व फ्रांस की 3.5 व अमेरिका की तीन फीसद रहने का अनुमान जताया गया है।
अमेरिकी विवि के सेंटर फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ने अपनी रिपोर्ट में हालांकि यह भी कहा कि भारत ने अर्थव्यवस्था में मौजूद कई खामियों को दूर करने में सफलता हासिल की है, लेकिन फिर भी अभी बहुत सारे मोर्चो पर काम होना बाकी है। भारत के बाद यूगांडा का नंबर है। रिपोर्ट कहती है कि आर्थिक मोर्चे पर यह छोटा सा देश भी तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है। कांप्लेक्सिटी अपॉरच्युनिटी इंडेक्स (सीओआइ) की रिपोर्ट में भी भारत को अव्वल माना गया है। निर्यात के क्षेत्र में भारत ने क्षमता का प्रदर्शन किया है। इससे जुड़े उत्पादों के मसले पर भी नई इबारत लिखी जा रही है।
सीओआइ इंडेक्स की रिपोर्ट का मतलब यह भी है कि भारत में बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर काम किया जाना बाकी है। इससे न केवल विकास की दर तेजी से बढ़ेगी बल्कि नौकरियां भी भारी संख्या में सृजित होंगी। भारत ने पिछले एक दशक के दौरान अर्थव्यवस्था में मौजूद खामियों को दूर नहीं किया इसकी वजह से यह क्षेत्र अछूते रह गए, लेकिन पिछले कुछ सालों में जो सुधार हुए उससे अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने की संभावना पैदा हो रही है। रिपोर्ट कहती है कि न्यू केमिकल, वाहनों व इलेक्ट्रानिक्स सामानों का निर्यात उप महाद्वीप की कुछ खास जगहों तक सीमित है। डायरेक्टर ऑफ सीआइडी, हावर्ड केनेडी स्कूल के प्रोफेसर व एटलस इकोनॉमी के प्रमुख शोधकर्ता रिकार्डो हौसमन का कहना है कि वियतनाम, फिलीपींस, इंडोनेशिया व थाईलैंड भी तेजी से अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं।