दरक रहा गठबंधन ।
एकला चलेंगे ।।
कर अलग राह ।
मित्र अब लड़ेंगे ।।
क्षणिक है नाराजगी ?
या असर दीर्घकाल ?
रहे अब तक अग्रणी ।
ले गठबंधन ढ़ाल ।।
भांप लिए फिर लगता ।
मौसम का विज्ञान ।।
चल अनूठी चाल।
तय पकना पकवान ?
रहा हिलोरे मार ।।
नव सृजित जोश ।।
आंख मूंद झटकना ।
पूर्व नियोजित रोष ?
कृष्णेन्द्र राय