न्यूज वाणी ब्यूरो
यमुनानगर। उपायुक्त मुकुल कुमार के निर्देशानुसार कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर खण्ड जगाधरी के गांव महिलांवाली में खंड स्तरीय किसान जारूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता खंड कृषि अधिकारी अनिल राणा ने की। किसान शिविर में मुख्य अथिति सहायक कृषि अभियन्ता डॉ. विनीत जैन ने किसानों को विभिन्न प्रकार के फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्रों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने किसानों को एसएमएस लगे हुए कंबाइन से धान की फसल को कटवाने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि उसके बाद हैप्पी सीडर या सुपर सीडर से गेहूं की बिजाई करने से उन्हें फसल अवशेषों में आग लगाने की आवश्यकता नही है। किसान इन फसल अवशेष प्रबन्धन कृषि यंत्रो के माध्यम से धान के अवशेष को अपने खेतों में आसानी से मिला सकते है। जिससे फसल में प्रयोग की जाने वाली रासायनिक खाद की मात्रा को कम करने में मदद मिलेगी और खेती पर होने वाले खर्च में भी कमी आएगी। फसल अवशेष खेत में मिलाने से गेंहू की उपज में वृद्धि होगी व जमीन की उपजाऊ शक्ति बनी रहेगी। उन्होंने बताया कि जो किसान अपने फसल अवशेषों को मिट्टी में नहीं मिलाना चाहते हैं अथवा अन्य उपयोग के लिये इक्ऋा करना चाहते है। वो किसान स्ट्रा बेलर का भी उपयोग कर सकते है। जिसकी मदद से फसल अवशेषों की गांठ बनाकर अपने प्रयोग हेतू अथवा विक्रय करके अतिरिक्त लाभ कमा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इन कृषि यंत्रों को खरीदने पर विभाग द्वारा 50 से 80 प्रतिशत तक का अनुदान उपलब्ध करवा जा रहा है। किसान इन कृषि यंत्रो को अनुदान पर लेकर न केवल अन्य किसानों की फसल अवशेष प्रबंधन में मदद कर सकते है, अपितु अपनी आय का साधन भी बना सकते है। वही दूसरी ओर फसल अवशेषों में आग लगाने से भूमि के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और धीरे धीरे जमीन बंजर हो जाती है। पराली में आग लगाने से उत्पन्न धुंए से वायु प्रदूषण के कारण अनेक प्रकार की सांस व आंखों सम्बन्धी बिमारियां होने का खतरा बना रहता है, जो कि इस कोरोना महामारी के समय मे एक गंभीर खतरा है। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण अधिनिमय के तहत सरकार ने भी फसल अवशेष जलाने को अपराध घोषित किया हुआ है, जिससे ऐसा करना पाए जाने पर किसानों को दंड स्वरूप जुर्माना राशि अथवा सजा भी हो सकती है। उन्होंने उपस्थित सभी किसानों को फसल अवशेष न जलाने की शपथ भी दिलवाई। इस अवसर पर कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी डॉ.नरेन्द्र सिंह, सचिन कुमार, अश्वनी कुमार, भीष्म कुमार सहित लगभग 60 किसानों ने भाग लिया।
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