लखनऊ। एक जनवरी से 31 दिसंबर 2016 तक सातवें वेतनमान (पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में वेतन) और जुलाई से दिसंबर 2016 तक दो प्रतिशत डीए के एरियर के 50 प्रतिशत का भुगतान करने का फैसला किया है। सातवें वेतनमान के एरियर के भुगतान की अरसे से बाट जोह रहे प्रदेश के 27 लाख राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनरों का इंतजार खत्म हो गया है। राज्य सरकार ने उन्हें एक जनवरी से 31 दिसंबर 2016 तक सातवें वेतनमान (पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स में वेतन) और जुलाई से दिसंबर 2016 तक दो प्रतिशत महंगाई भत्ते (डीए) के एरियर के 50 प्रतिशत अंश का भुगतान करने का फैसला किया है। इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिलने के बाद वित्त विभाग ने शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है।इसका लाभ प्रदेश के 16.5 लाख राज्य कर्मचारियों, राजकीय व सहायताप्राप्त शिक्षण/प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों, नगरीय स्थानीय निकायों के कर्मचारियों और 10.5 लाख पेंशनर्स/पारिवारिक पेंशनर्स को मिलेगा। राज्य कर्मचारी, शिक्षक व पेंशनर्स पिछले लगभग डेढ़ साल से सातवें वेतनमान के एरियर के भुगतान का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। एरियर का भुगतान वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 में दो समान वार्षिक किस्तों में किया जाना था।यह शासनादेश चालू वित्तीय वर्ष में दी जाने वाली पहली किस्त के भुगतान के बारे में किया गया है। दोनों ही वित्तीय वर्षों में भुगतान की जाने वाली एरियर की धनराशि का 80 फीसद हिस्सा जीपीएफ/पीपीएफ/एनएससी के रूप में दिया जाएगा। बची हुई 20 फीसद राशि का आयकर कटौती के बाद नकद भुगतान किया जाएगा। पेंशनरों/पारिवारि पेंशनरों को एरियर का भुगतान राज्य कर्मचारियों की तरह दो समान किस्तों में नकद किया जाएगा। शासनादेश में कहा गया है कि एरियर का भुगतान यथासंभव 30 जून 2018 तक कर दिया जाएगा। राज्य सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर तकरीबन 8500 करोड़ रुपये का व्ययभार आएगा।अखिलेश सरकार ने दिसंबर 2016 में राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और पेंशनरों को पहली जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ देने का फैसला किया था। सातवें वेतनमान का नकद भुगतान पहली जनवरी 2017 से लागू हुआ था। सरकार ने जनवरी से दिसंबर 2016 तक के सातवें वेतनमान और जुलाई से दिसंबर 2016 तक दो फीसद डीए के एरियर का भुगतान अगले दो वित्तीय वर्षों में दो समान किस्तों में करने का फैसला किया था। पहली किस्त का भुगतान 2017-18 और दूसरी का 2018-19 में करने का निर्णय हुआ था। यह भी कहा गया था कि दोनों वित्तीय वर्षों में एरियर का भुगतान अक्टूबर के बाद होगा।संसाधनों की तंगी के कारण योगी सरकार 2017-18 में एरियर का भुगतान नहीं कर पाई थी। इस पर सरकार ने एरियर की दो समान किस्तों का भुगतान 2018-19 और 2019-20 में करने का फैसला किया था। सातवें वेतनमान के एरियर भुगतान के लिए सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में 5172 करोड़ रुपये की रकम आवंटित की है।