प्रेमिका को पाने की चाहत में पति ने की थी हत्या – थाना नारखी पुलिस एवं सर्विलांस टीम को मिली सफलता

- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने दिया 20,000 रुपये का ईनाम

न्यूज वाणी ब्यूरो
फिरोजाबाद। कहते हैं कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों न हो, आखिर एक दिन पकड़ा ही जाता हैं जैसा कि अम्बिका गुमशुदगी कांड में देखने को मिला जिसमें, प्रेमिका की चाहत और पत्नी से नफरत में पति ने इतनी खूबसूरती से अपनी पत्नी की हत्या को अंजाम दिया कि इस केस का कभी भी खुलासा ही न हो सके लेकिन, अंधेरे में तीर चलाते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पांडेय के कुशल नेतृत्व में गठित की गई टीम द्वारा दिन रात की मेहनत से महज दो महीने में ही इस ब्लाइण्ड मर्डर कांड का खुलासा आखिरकार 18 मई को कर ही दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पांडेय ने ब्लाइंड मर्डर का सनसनीखेज खुलासा करने वाली थाना नारखी पुलिस और सर्विलांस टीम का उत्साहवर्धन करते हुए बीस हजार रुपये का नकद ईनाम दिया है। बताते चलें कि 26 मार्च 2021 को अम्बिका नाम की एक महिला की गुमशुदगी थाने में दर्ज हुई थी लेकिन तमाम खोजबीन के बाद भी पुलिस को सफलता नहीं मिली। परिजनों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पांडेय से मिलकर अम्बिका गुमशुदगी केस में शीघ्र ही खुलासा करते हुए सत्य सामने लाने की मांग की। प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए एसएसपी ने तत्काल एफआईआर दर्ज किये जाने के आदेश जारी करते हुए उपनिरीक्षक हरवेन्द्र मिश्रा के नेतृत्व में थाना नारखी पुलिस और सर्विलांस टीम को इस केस की जिम्मेदारी सौंपी। संयुक्त रूप से की जा रही दिन रात की मेहनत उस समय रंग लाई जब कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए गुमशुदगी की तलाश में पुलिस हत्यारे पति तक पहुंच गई। जिसका, खुलासा 18 मई को एसएसपी फिरोजाबाद द्वारा किया गया। रहस्यमयी अंदाज में 26 मार्च 2021 से लापता चल रही अंबिका की गुमशुदगी की करती हुई पुलिस अंधेरे में तीर चलाते हुए हत्यारे पति अजय प्रताप सिंह तक पहुंच गई जो कि जनपद मथुरा के थाना महावन क्षेत्र के गांव बंदी का निवासी था और एक लड़की से बेपनाह मोहोब्बत करता था लेकिन घरवालों के दबाव के चलते हुए अजय प्रताप सिंह की शादी अम्बिका से करा दी गई। अपनी माशूका को पाने की चाहत में कलयुगी पति ने अपनी पत्नी को रास्ते से हटा देने की योजना बना डाली और 25 मार्च को रजावली चैराहे पर पत्नी को बुलाने के बाद प्लान के मुताबित मंगलसूत्र दिलाने के बहाने जिला गाजियाबाद के मुरादनगर की गंगनहर में ले जाकर धक्का देकर भाग गया। लापता होने के बाद गुमशुदगी दर्ज होने पर मायका पक्ष के लोगों के शक जताने पर नारखी पुलिस ने अजय प्रताप सिंह से दो बार पूछताछ की लेकिन वह गुमराह करता रहा। उसका कहना था कि अंबिका का मंगलसूत्र खो गया था, जिस पर वह 25 मार्च को बस से यहां आया था और पांच हजार रुपये अपनी पत्नी को देकर वापस चला गया था उसके बाद क्या हुआ उसे नहीं पता। जांच करते हुए पुलिस जिला गाजियाबाद के थाना मसूरी तक पहुंच गई जहां पता चला कि 30 मार्च को एक अज्ञात महिला का शव मिला था जिसकी शिनाख्त न होने पर 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार कर दिया। कपड़ों के आधार पर अंबिका की बहन और भाई ने शिनाख्त कर ली। सख्ती से पूछताछ करने पर अजय प्रताप सिंह टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने हत्या के आरोपी अंबिका के पति अजय प्रताप सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ’केस का पर्दाफाश करने वाले सर्विलांस टीम के इंचार्ज हरवेंद्र मिश्रा और थाना पुलिस टीम को बीस हजार रुपये का इनाम दिया गया।

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