बाँदा । शहर के छाबी तालाब में कई कुंतल मछलियां मर गईं। सड़ांध से लोगों का बुरा हाल हो गया। लोगों की नजर तालाब पर पड़ी तो मरी हुई मछलियां उतरती दिखीं। यह जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस की सूचना पर पर नगर पालिका के अलावा अन्य अधिकारी पहुंच गए। तालाब से उठ रही सड़ांध से लोगों का सांस लेना दूभर हो गया। नगर पालिका की ओर से तालाब की सफाई के लिए सात टीमें लगाई गई हैं। जबकि जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जल निगम ने तालाब के पानी का नमूना लेकर जांच के लिए भेजा है। चर्चा है कि किसी ने तालाब में जहरीला पदार्थ मिला दिया, जिससे मछलियां मर गईं।
शहर के छाबी तालाब में मछली कारोबारियों के द्वारा शायद चोरी से बच्चे (बीज) डाले गए थे। इस बात की जानकारी इलाकाई लोगों को कतई नहीं थी। मंगलवार की रात को संदिग्ध हालात में तालाब में मौजूद लाखों मछलियां मर गईं। सुबह होने पर जब तालाब से सड़ांध उठने लगी तो इलाकाई लोगों को परेशानी महसूस हुई। लोग अपने घरों से बाहर निकले और तालाब की तरफ गए। वहां जाकर देखा तो तालाब में मरी हुई मछलियां उतरा रहीं थीं। भारी मात्रा में मरी मछलियों की उठ रही सड़ांध से लोगों का सांस लेना दूभर हो गया। लौटकर लोग फिर अपने घरों में घुस गए और लोगों ने पुलिस को सूचना दी। खबर पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात देखे तो दंग रह गई। पुलिस के द्वारा अधिकारियों को अवगत कराया गया। खबर पाकर नगर पालिका परिषद के ईओ बुद्धप्रकाश यादव मौके पर पहुंचे। हालात का जायजा लेने के बाद ईओ के द्वारा सफाई कर्मियों की सात टीमों को तालाब की सफाई करने के काम पर लगा दिया गया। इस बात की जानकारी जिलाधिकारी आनंद कुमार सिंह को हुई तो उन्होंने मामले की जांच कराए जाने के निर्देश दिए हैं। डीएम ने जांच के आदेश दिए तो जल निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और तालाब के पानी का नमूना लेते हुए जांच के लिए भेजा है। सिटी मजिस्ट्रेट केशवनाथ गुप्ता मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया। पर्यावरण और मत्स्य विकास विभाग के अधिकारियों को जांच किए जाने के निर्देश दिए हैं। कहा है कि जांच कराई जाए कि मछलियां दूषित पानी से मरी हैं या फिर किसी जहरीले पदार्थ के तालाब में डाल देने से मरी हैं।
चार ट्राली मछलियों को तालाब से निकालकर निर्जन स्थान पर फेंका जा चुका है। अलबत्ता अब भी सफाई अभियान जारी है। तालाब में एकबारगी लाखों मछलियों के मर जाने के कारण इलाके में सड़ांध उठ रही है। हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। इलाकाई लोगों में चर्चा है कि तालाब का पानी दूषित नहीं है। अगर दूषित होता तो पहले ही मछलियां मर गईं होतीं। एकबारगी तालाब की सभी मछलियां मर जाने से इशारा तो उसी तरफ जाता है कि किसी ने तालाब में जहरीला पदार्थ मिला दिया। लोगों का कहना है कि प्रशासनिक जांच के बाद ही यह हकीकत सामने आएगी कि तालाब की मछलियां आखिर मरीं कैसे।