कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश दीक्षित के नेतृत्व पर भारत के माननीय राष्ट्रपति जी को भेजा गया ज्ञापन- मुन्ना बक्श

प्रति दिन एक करोड़ वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने व भारत के हर नागरिक को यूनिवर्सल मुफ्त वैक्सीनेशन दिलवाने हेतु

 

बाँदा । कोविड-19 ने लगभग हर भारतीय परिवार को अप्रत्याशित तबाही एवं असीम पीड़ा दी है दुख की बात है कि मोदी सरकार ने कोरोना से लड़ने की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है और लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है सच्चाई यह है कि केंद्र की भाजपा सरकार कोविड-19 के अपराधिक कुप्रबंधन की दोषी है।उग्र कोविड19 महामारी के बीच वैक्सीनेशन ही मात्र सुरक्षा है। मोदी सरकार की वैक्सीनेशन की रणनीति भारी भूलो की एक खतरनाक कॉकटेल है। भाजपा सरकार ने वैक्सीनेशन की योजना बनाने का अपना कर्तव्य ही भुला दिया। भाजपा सरकार निंदनीय रूप से वैक्सीन की खरीद से बेखबर रही। केंद्र सरकार ने जानबूझकर एक डिजिटल डिवाइड पैदा किया जिससे वैक्सीनेशन की प्रक्रिया धीमी हो। गई केंद्र सरकार ने विभिन्न कीमतों के स्लैब बनाने में जानबूझकर मिलीभगत की यानी एक ही वैक्सीन के लिए अलग-अलग कीमते तय ,ताकि आम आदमी से आपदा में लूट की जा सके । जहां अन्य देशों ने मई 2020 से वैक्सीन खरीदने के ऑर्डर देने शुरू कर दिए थे, वही मोदी सरकार ने भारत को इसमें विफल कर दिया। केंद्र सरकार नेवैक्सीन का पहला ऑर्डर जनवरी 2021 में जा कर दिया। जन पटल पर मौजूद जानकारी के अनुसार मोदी सरकार व राज्य सरकारों ने 140 करोड़ की जनसंख्या के लिए आज तक केवल 39 करोड वैक्सीन खुराकों आर्डर दिया है ।भारत सरकार के अनुसार 31 मई 2021 तक केवल21.31करोड़ वैक्सीन ही लगाई गई।वेक्सीन की दोनों खुराकें केवल 4.45 करोड़ भारतवासियों को ही मिली है ,जो भारत की आबादी का केवल3.17 प्रतिशत है ।पिछले 134 दिनों में ,वेक्सिनेशन की औसत गति लगभग 16 लाख खुराक प्रतिदिन है। इस गति से देश की पूरी वयस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने में तीन साल से ज्यादा समय लग जायेगा।यदि ऐसे ही चलता रहा तो हम देश के नागरिकों को कोरोना की तीसरी लहर से कैसे बचा पाएंगे इस सवाल का जवाब मोदी सरकार को देना होगा। इस विकराल महामारी के बीच हमारे देश के नागरिक कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं ।लेकिन मोदी सरकार वेक्सीन का निर्यात करने में व्यस्त है केंद्र की भाजपा सरकार आज तक वैक्सीन की 6.63करोड़ खुराक दूसरे देशों को निर्यात कर चुकी है।यह देश के लिए सबसे बड़ा नुकसान है। मोदी सरकार द्वारा वैक्सीन के लिए तय की गई अलग-अलग कीमतों लोगों की पीड़ा से मुनाफाखोरी का एक और उदाहरण है।सीरम इंस्टीट्यूट की कोविडशील्ड की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए 150 रु,राज्य सरकारों के लिए 300रु और निजी अस्पतालों के लिए 600 रु है। भारत बायोटेक की कोवेक्सिन की एकखुराक की कीमत कोवेक्सीन की एक खुराक की कीमत मोदी सरकार के लिए 150रु राज्य सरकार के लिए600रु और निजी अस्पताल के लिए1200रु है निजी अस्पताल एक खुराक के लिए1500 रु तक वसूल रहे हैंदो खुराक की पूरी कीमत की गणना इसी के अनुसार होगी मोदी सरकार द्वारा एक ही वेक्सीन की तीन अलग-अलग कीमते तय करना लोगों की पीड़ा से मुनाफाखोरी कमाने का नुस्खा है आज जरूरत है कि केंद्र सरकार वेक्सीन खरीदें और राज्यों एवं निजी अस्पतालों को निशुल्क वितरित करें। ताकि वह भारत के नागरिकों को मुफ्त लगाई जा सके इससे कम कोई भी काम भारत एवं भारत के नागरिकों का बड़ा नुकसान होगा साथ ही हमें31 दिसंबर 2021 तक या उससे पहले 18 साल से अधिक आयु की पूरी वयस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने का काम पूरा करने की जरूरत है देश के नागरिकों का बचाव करने का यही एकमात्र रास्ता है इसका एकमात्र उपाय है कि 1 दिन में कम से कम एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाए ना कि 1 दिन में औसतन 16लाख लोगों को इसलिए हम राष्ट्रपति जी से निवेदन करते हैं कि आप मोदी सरकार को एक दिन में एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाए जाने एवं यूनिवर्सल मुफ्त वैक्सीनेशन का निर्देश दें कोविड-19 महामारी से लड़ाई एवं इस बीमारी को हराए जाने का यही एकमात्र रास्ता है ।हर भारतीय को कोरोना से जीत दिलाने का भी यही एकमात्र रास्ता है ।ज्ञापन देने में राजेश दीक्षित जिला अध्यक्ष,सैय्यद अल्तमश हुसैन,आदित्यस्वरूप,आकाशदीक्षित,संतोषकुमारद्विवेदी,कुतेबाजमा, अशरफ उल्लाह, सनी पटेल ,कालीचरण निगम,साकेत बिहारी मिश्र,कालीचरण साहू सुखदेव गांधी, सूर्यभान निषाद, नन्ना तिवारी, डॉक्टर के पी सेन, साबिर शेख, शिवाकांत मिश्रा, सहित दर्जनों कांग्रेसी मौजूद रहे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.