चटगांव: विश्व महिला दिवस पर दुनिया भर में महिलाओं के उत्थान और विकास की बातें की जांएगी. ऐसे में हम आपको एक ऐसी महिला की कहानी बता रहे हैं जो पूरे एशिया महादेश में महिला सशक्तिकरण की मिसाल हैं. मोसम्मत जैसमिन पूरे बांग्लादेश की इकलौती महिला रिक्शा चालक हैं. महिलाओं के लिहाज से बांग्लादेश बेहद पिछड़ा माना जाता है. यहां महिलाओं को पर्दे की आड़ में रखकर उनकी स्वतंत्रता और अधिकारों को दबाया जाता है. ऐसे समाज में मोसम्मत जैसमिन अपनी बुलंद सोच और फौलादी इरादे के दम पर रिक्शा चलाकर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं.
बांग्लादेश के चटगांव शहर में 45 साल की मोसम्मत को लोग ‘क्रेजी आंटी’ के नाम से भी जानते हैं. मोसम्मत ने बताया, ‘करीब छह-सात साल पहले मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली थी. मैं और मेरे तीन बच्चे अकेले पड़ गए.’