विश्व पर्यावरण दिवस पर एनसीसी द्वारा पर्यावरण संरक्षण में युवाओ की भूमिका पर वेबीनार का आयोजन

प्रकृति से कि गई छेड़छाड़ मनुष्य को तबाही के रुप में वापस मिलती है: डॉ वीके सक्सेना

आगरा। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आगरा कॉलेज एनसीसी आर्मी विंग द्वारा एक वेविनार का आयोजन पांच जून को किया गया। जिसमें वक्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण में युवाओ की भूमिका पर अपने विचार रखते हुए कहा कि युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके दायित्वों का बोध कराना होगा। वेविनार का शुभारंभ करते हुए केंद्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के सहायक निदेशक डॉ वीके सक्सेना ने कहा कि हमें वन हेल्थ का कॉन्सेप्ट अपनाना होगा। हमारे आसपास की वस्तुएं, जीव-जंतु स्वस्थ होंगे तो हम भी स्वस्थ होंगे। उन्होंने ऋग्वेद में पर्यावरण को परिभाषित करते हुए बताया है कि आकाश और पृथ्वी के मध्य पर्यावरण होता है। उन्होंने मानव शरीर से जोड़ते हुए माइक्रो एवम् मैक्रो पर्यावरण को स्पष्ट किय ।डॉ सक्सेना ने चेतावनी देते हुए कहा कि मनुष्य ने अपने अहंकार में रहते हुए प्रकृति के नियमों के विरुद्ध कार्य किए हैं, जिसका दुष्परिणाम प्रकृति आज संपूर्ण मानवता को दे रही है। लाखों टन प्लास्टिक का कचरा हम प्रतिवर्ष समुद्र में फेंक देते हैं, जिसे समुद्र तूफान एवं सुनामी के साथ मनुष्य को वापस दे देता है, प्रकृति का यही चक्र है।युवाओं की भूमिका के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पर्यावरण से होने वाले नुकसान के प्रति जागृत करने हेतु जन जागरण अभियान चलाया जाए।कंपनी कमांडर लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल ने कहा कि भारत के युवा सनातन काल से ही प्रकृति संरक्षण का महत्वपूर्ण कार्य करते आ रहे हैं। नदियों, पर्वतों, पेड़ों व पशु-पक्षी आदि को धर्म से जोड़कर उन्हें पूजनीय बना दिया व सदैव के लिए उनके संरक्षण की अद्भुत व्यवस्था भारतीय संस्कृति में आज भी जीवित है। भारत अपनी इन्हीं सनातन परंपराओं के सहारे संपूर्ण विश्व को प्रकृति से प्रेम करने का संदेश दे रहा है। इस अभियान में देश के युवाओं की एक महत्वपूर्ण भूमिका है।यूओ हिमांशु वशिष्ठ एवम् यूओ तनिष्का माथुर ने विचार व्यक्त करते हुए पर्यावरण संरक्षण में युवाओं की भूमिका रेखांकित की वेविनार का संचालन कैडेट देव चाहर ने किया। स्वागत कैडेट अमन श्रीवास्तव तथा धन्यवाद ज्ञापन कैडेट शिवम यादव ने किया।कैडेट अराध्या चौधरी, अराध्या बंसल, डॉली तोमर, अमन परमार ने पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की।कैडेट नेहा शर्मा, शुभांक गुप्ता, अनुज प्रताप, अरुण धाकरे ने पर्यावरण से संबंधित पोस्टर का प्रदर्शन किया। कैडेट नंदनी पवार ने पर्यावरण से संबंधित कविता पाठ किया।बनाकर कब्र कुदरत की इंसान, तू अपना जहान कैसे बसाएगा। कुछ कंकर, कुछ पत्थर,कुछ रेत के जर्रों से यह अपना मकान बनाएगा।कि देखो आगे जाने की होड़ में,यह ना जाने क्या से क्या कर जाएगा।तोड़कर कई घोसले और छीनकर कई नन्हें पौधों से सांसे यह अपना घरौंदा बनाएगा।छीन कर हरियाली जमीन से सुखाकर कई नदियां,क्या रेत के ढेर में नाव चलाएगा।जो घोल दिया है हवा में जहर तो सांस लेने क्या तू चांद पर जाएगा। मगर छोड़ देना कुछ मिट्टी जमीन पर वरना तू भी कहां दफन हो पाएगा।

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