हरियाणा के बहादुरपुर में एक मां की करुण पुकार भगवान ने सुन ली। 20 दिन पहले उसके छह साल के बेटे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। परिवार अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा था। मां अपने बेटे के सिर को चूमते हुए बार-बार कह रही थी- उठ जा मेरे बच्चे उठ जा। तभी उसके शरीर में हरकत होने लगी। दोबारा इलाज शुरू हुआ और मंगलवार को वह रोहतक के अस्पताल से हंसता-खेलता अपने घर लौट आया।मामला हरियाणा के बहादुरगढ़ का है। यहां रहने वाले हितेश और उनकी पत्नी जाह्नवी ने बताया कि उनके बेटे को टाइफाइड हो गया था। उसे इलाज के लिए दिल्ली ले गए थे। 26 मई को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वे शव लेकर बहादुरगढ़ लौट आए।बच्चे के दादा विजय शर्मा ने बताया कि उन्होंने शव को रातभर रखने के लिए बर्फ और सुबह दफनाने के लिए नमक का इंतजाम कर लिया था। मोहल्ले वालों को सुबह श्मशान घाट पर पहुंचने को कह दिया था।बच्चे की मां जाह्नवी और ताई अन्नू रोते हुए मासूम को बार-बार प्यार से हिलाकर जिंदा होने के लिए पुकार रही थीं। कुछ देर बाद पैक हुए शव में हरकत महसूस हुई। इसके बाद पिता हितेश ने बच्चे का चेहरा चादर की पैकिंग से बाहर निकाला और उसे मुंह से सांस देने लगे। पड़ोसी सुनील ने बच्चे की छाती पर दबाव देना शुरू किया जैसा इन लोगों ने फिल्मों में देखा था। इस बीच बच्चे ने अपने पापा के होंठ पर दांत गड़ा दिए।इसके बाद 26 मई की रात को ही बच्चे को रोहतक के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया। डॉक्टरों ने कहा कि उसके बचने की सिर्फ 15 फीसदी उम्मीद है। इलाज शुरू हुआ। तेजी से रिकवरी हुई और अब वह पूरी तरह ठीक होकर मंगलवार को घर पहुंच गया।अब बच्चे के पिता हितेश अपने होंठ पर बेटे का दिया जख्म दिखाकर खुशी मना रहे हैं।