योगी ने नही सुनी तो बंगला बचाने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मुलायम सिंह यादव

लखनऊ। पद के साथ बंगले का मोह बहुत होता है। अब पद तो रहा नही, बंगला भी जा रहा है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सरकारी बंगले से मोह छूटने का नाम नहीं ले रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद भी कोई हल न निकलता देख मुलायम ने बंगला बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
मुलायम ने सुप्रीम कोर्ट से बंगला खाली करने के लिए दो साल का वक्त मांगा है। याचिका में उन्होंने अपनी उम्र का हवाला देते हुए सम्पत्ति विभाग द्वारा दी गई समय सीमा में आवास खाली करने में असमर्थता जताई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अभी उनकी याचिका स्वीकार नहीं की है।गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी बंगलों को खाली करने का आदेश दिया था। जिसके पश्चात राज्य संपत्ति विभाग ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन में बंगला खाली करने का नोटिस दिया था। इसके बाद से मायावती, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव सरकारी बंगला बचाने की कवायद में जुटे हुए हैं।मुलायम सिंह ने अपना व अखिलेश यादव का बंगला बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 17 मई को मुलाकात कर एक फॉर्मूला पेश किया था। यह पत्र बाद में सीएम कार्यलय से लीक हो गया था।वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने नोटिस मिलने के बाद से ही बंगला खाली करने की तैयारी शुरू कर दी थी। माना जा रहा है कि आने वाले एक से दो दिन में वह बंगले की चाभी राज्य संपत्ति विभाग को सौंप देंगे।एनडी तिवारी की पत्नी उज्जवला तिवारी ने मुख्ममंत्री को पत्र लिखकर तिवारी के गंभीर रूप से बीमार होने, स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान को देखते हुए आवास को खाली करने के लिए कम से कम एक साल का समय देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि स्वतंत्रता से पहले और आजादी के बाद देश के लिए एनडी तिवारी द्वारा किए गए संघर्ष व महत्वपूर्ण योगदान के बारे में सभी जानते है। पूर्व मुख्यमंत्रियों में वे एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी है। तिवारी द्वारा की गई देश की सेवा का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि उनके पास अपना कोई भी आवास नहीं है।

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