धर्मांतरण मामला: पांच घण्टे नूरुल हुदा स्कूल में टीम ने की जांच-पड़ताल – छात्रों, अभिभावकों के साथ शिक्षकों से किये सवाल-जवाब
स्कूल प्रबन्धक बोले- साठ प्रतिशत छात्र व अस्सी प्रतिशत शिक्षक गैर मुस्लिम
नफीस जाफ़री फतेहपुर। दिल्ली एटीएस की टीम द्वारा गाजियाबाद में मो0 उमर गौतम के पकड़े जाने के बाद धर्मांतरण केे मामले ने तूल पकड़ लिया है। पकड़ा गया उमर गौतम मूल रूप से जिले का रहने वाला है। इसलिए जांच की आंच जिले तक आ पहुंची है। उमर गौतम के अलावा शहर के प्रतिष्ठित नूरूल हुदा इंग्लिश स्कूल की एक शिक्षिका द्वारा लगाये गये आरोपों के बाबत रविवार को जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक की अगुवई में पांच सदस्यीय टीम स्कूल पहुंची और लगभग पांच घण्टे तक जांच-पड़ताल की। छात्रों व अभिभावकों के साथ शिक्षकांे से सवाल-जवाब किये। स्कूल प्रबन्धक ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि साठ प्रतिशत छात्र व अस्सी प्रतिशत शिक्षक यहां गैर मुस्लिम हैं।
बताते चलें कि दिल्ली एटीएस की टीम ने थरियांव थाना क्षेत्र के रमवां गांव के रहने वाले मो0 उमर गौतम को गाजियाबाद में गिरफ्तार किया था। इसके तार जिले के कई लोगों से जुड़े हुए हैं। इसलिए इस मामले की जांच पड़ताल के लिए कई दिनों से एटीएस जिले में लगातार जांच-पड़ताल कर रही है। धर्मांतरण के मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिये हैं कि इस खेल में जो लोग भी शामिल हों उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाये। धर्मांतरण के मुद्दे के साथ-साथ शहर के लखनऊ रोड स्थित नूरूल हुदा इंग्लिश स्कूल की पूर्व शिक्षिका कल्पना ने आरोप लगाया था कि विद्यालय में मुस्लिम धर्म अपनाने का दबाव बनाया जाता है और पकड़ा गया उमर कई बार विद्यालय आ चुका है। इस मामले की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे के निर्देशन में रविवार को जिला विद्यालय निरीक्षक शिवेन्द्र प्रताप सिंह की अगुवई में पांच सदस्यीय जांच टीम नूरूल हुदा इंग्लिश स्कूल पूर्वान्ह ग्यारह बजे पहुंची। विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों व उनके अभिभावकों को भी बुलाया गया। टीम ने एक-एक कर सभी बच्चों व उनके अभिभावकों से वार्ता की। वहीं विद्यालय के स्टाफ से भी पूछताछ की गयी। इतना ही नहीं टीम ने आरोप लगाने वाली पूर्व शिक्षिका कल्पना से भी बातचीत की। लगभग पांच घण्टे तक टीम ने उमर के रिश्तों को खंगाले का प्रयास किया। इस मामले पर स्कूल के प्रबन्धक मो0 उमर शरीफ मजाहिरी का कहना रहा कि उनके विद्यालय पर लगाये गये आरोप बेबुनियाद हैं क्योंकि विद्यालय में साठ प्रतिशत से अधिक बच्चे व अस्सी प्रतिशत शिक्षक गैर मुस्लिम हैं। उन्होने बताया कि विद्यालय में बने कमरों में शिक्षक निवास भी करते हैं। जो अपने धर्म से संबंधित पूजा-पाठ भी करते हंैं। उधर अधिकारियों की टीम कल तक अपनी जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी। इसके बाद राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को रिपोर्ट भेजी जायेगी।