नई दिल्ली । अब साइटोमेगालो वायरस कोरोना से ठीक हुए मरीजों में (सीएमवी) के संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं। गंगाराम अस्पताल के डाक्टरों ने इस वायरस से पीड़ित पांच मरीजों का इलाज किया है। उनका दावा है कि देश में पहली बार इस तरह के मामले देखे गए हैं। इसका कारण कोरोना की वजह से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना व कोरोना के इलाज के दौरान स्टेरायड दवाओं का इस्तेमाल है। इन पांच में से एक मरीज के रेक्टम (मलाशय) से अत्यधिक रक्तस्नाव होने के कारण मौत हो गई, जबकि तीन मरीज ठीक हो चुके हैं। एक मरीज की सर्जरी की गई है, जो तीन सप्ताह से अस्पताल में भर्ती है।अस्पताल के गैस्ट्रोलाजी विभाग के चेयरमैन डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि 30 से 70 वर्ष के बीच के ये पांच मरीज मल में रक्तस्नाव व पेट दर्द की परेशानी के इलाज के लिए पहुंचे थे। कोरोना से ठीक होने के 10 से 30 दिनों के बीच उन्हें यह दिक्कत शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि साइटोमेगालो वायरस करीब 80 फीसद लोगों की आंत में मौजूद होता है, लेकिन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता उस वायरस को सक्रिय नहीं होने देती। इसलिए जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है, उनमें इसका संक्रमण नहीं होता है।डॉ. अनिल अरोड़ा ने बताया कि उक्त मरीजों के खून की जांच में लिम्फोसाइट की संख्या काफी कम पाई गई। इसके बाद उनकी कोलोनोस्कोपी की गई तो आंत में जख्म पाए गए। उन जख्मों से टिश्यू लेकर बायोप्सी व पालीमरेस चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेस्ट किया गया तो सीएमवी संक्रमण का पता चला। वहीं, गैस्ट्रोलाजी विभाग के विशेषज्ञ डा. प्रवीण शर्मा ने कहा कि ऐसे मामलों में बीमारी की जल्द पहचान कर समय पर इलाज करने से मरीजों की जान बचाई जा सकती है।