100 किलोमीटर की रफ्तार के शौक ने उजाड़ दिया  परिवार को  पिता,बड़ी बहन की मौत के 48घंटे में  भव्या ने भी दम तोड़ा

मध्य प्रदेश। ग्वालियर में  रफ्तार में कार चलाने के शौक ने एक हंसता खेलता परिवार खत्म कर दिया। हम बात कर रहे हैं अनिल पाल की। गुरुवार रात को एक शादी में शामिल होने के बाद वह अपनी वैन में पत्नी दो बेटियों को लेकर घर के लिए निकला था। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि रास्ते में मौत उनका इंतजार कर रही है।एजी ऑफिस पुल पर तेज रफ्तार कार ने उनकी वैन में टक्कर मारी। हादसे में अनिल पाल और उसकी 7 साल की बेटी नैंसी उर्फ निकिता ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। पर 3 साल की बेटी भव्या और पत्नी रेनू गंभीर रूप से घायल थे। 48 घंटे बेहोश रहने के बाद भव्या ने भी शनिवार रात दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया है। मासूम ने मौत को हराने के लिए कड़ा संघर्ष किया, पर आखिर में वह जिंदगी की जंग हार गई। भव्या और उसकी मां को दिल्ली रैफर किया गया था। शनिवार रात 11.30 बजे मासूम की मौत की खबर उनके मोहल्ले में पहुंची है।उपनगर मुरार के घोसीपुरा में रहने वाला अनिल पाल वैन किराए पर चलाता था। परिवार में पत्नी रेनू और 2 बेटियों नैंसी उर्फ निकिता (7) और भव्या (3) थीं। गुरुवार को वह झांसी रोड इलाके में अपनी ससुराल एक कार्यक्रम में शामिल होने गया था। पूरा परिवार साथ में था । रात 12.30 बजे लौटते समय अभी वह अपनी गाड़ी से एजी ऑफिस पुल पर पहुंचे ही थे कि उनकी गाड़ी में सामने से तेज रफ्तार में रॉन्ग साइड आई कार नंबर MP07 CJ-0045 ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि वैन आगे से पूरी क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे में अनिल पाल और उसकी बेटी नैंसी पाल की मौके पर ही मौत हो गई है जबकि पत्नी रेनू और बेटी भव्या गंभीर घायल हैं। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया।पति और बड़ी बेटी की मौत से अनजान घायल रेनू को यहां डॉक्टर ने पैर काटने के लिए कहा था। हालत बिगड़ने पर उसे और उसकी बेटी भव्या को दिल्ली रैफर किया गया था। शुक्रवार शाम को उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया। पर मासूम भव्या की शनिवार सुबह से ही पल्स नीचे जाने लगी थी। उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हो रही थी। शनिवार रात मासूम ने उसी बेहोशी की हालत में दम तोड़ दिया है। परिवार में अब सिर्फ रेनू ही बची है। शनिवार रात उसका भी ऑपरेशन चल रहा था। डॉक्टर पैर बचाने का प्रयास कर रहे हैं। हालत बेहद नाजुक है। पर ऑपरेशन से पहले जब भी होश आता वह अनिल नैंसी और भव्या के बारे में ही पूछ रही है। कोई उसे बताने की हिम्मत नहीं कर पा रहा है।घटना के समय आरोपी के वाहन कीया की सेल्टोज कार नंबर MP07 CJ-0045 की स्पीड 100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार में थी। क्योंकि टक्कर मारने के बाद कार के एयरबेग खुल गए थे। एयरबेग ने आरोपी कार चालक की जान तो बचा ली लेकिन उसकी टक्कर से वैन में सवार परिवार उजड़ गया। हादसे को 48 घंटे बीत गए हैं। 3 मौत हो चुकी है। इसके बाद भी आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। टक्कर मारने वाली कार परिवहन विभाग की वेबसाइट पर चार बाबा का मंदिर के पास रानीपुरा निवासी अमित परिहार पुत्र सतीश परिहार के नाम पर रजिस्टर्ड बता रही है। अभी तक पुलिस आरोपी को नहीं पकड़ पाई है।

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