तो यह है बच्चों के बिगड़ने की अहम वजह , पढ़ाई के नाम पर कर रहे मोबाइल पर गंदा काम, हुआ यह चौंकाने वाला खुलासा
झारखण्ड।रांची, कोरोना काल में इंटरनेट के प्रति बच्चो का लगाव बढ़ रहा है। सारे कामकाज इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर हो रहे हैं। चाहे स्कूल काॅलेज हों या निजी और सरकारी कंपनियां। हालांकि इस बीच इसके नकारात्मक प्रभाव भी बढ़े हैं। कहीं साइबर फ्रॉड के रूप में तो कहीं बच्चों के बिगड़ने के रूप में। इस नकारात्मक प्रभाव ने समाज के लिए चिंता बढ़ा दी है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट दीपक कुमार बाल संरक्षण विषय पर काम करने वाली संस्था गाइड चाइल्ड की रिपोर्ट का हवाला देते हैं। बताते हैं कि 70 प्रतिशत बच्चे अपनी उम्र बढ़ाकर एडल्ट साइट्स पर एंट्री करते हैं। इसके बाद अश्लील चैट कर रहे हैं। कई तरह के अश्लील एप पर भी बच्चों का समय बीत रहा है।रिपोर्ट के अनुसार इंटरनेट मीडिया पर 30 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो आठ घंटे से अधिक समय बिता रहे हैं। 24 प्रतिशत किशोरियों ने माना है कि उन्होंने न्यूड तस्वीर या सेमी न्यूड तस्वीर शेयर की है। ये शेयरिंग एप वाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम टेलिग्राम सहित अन्य एप पर किए जा रहे हैं। 46 प्रतिशत बच्चों ने अश्लील सामग्री देखने की बातें स्वीकार की हैं। इतना ही नहीं 67 प्रतिशत किशोर और 60 प्रतिशत युवतियां सोशल साइट्स पर अश्लील पोस्ट करते हैं। लॉकडाउन में बच्चों की मोबाइल पर निर्भरता बढ़ी है।दीपक कुमार कहत हैं कि इसकी वजह से साइबर अपराध भी बढ़ गया है। बच्चे साइबर क्रिमिनल के साॅफ्ट टारगेट बन रहे हैं। कई गेमिंग एप के जरिए भी बच्चों को मोहरा बनाकर रुपये ऐंठे जा रहे हैं।