हो गई 500 रुपए में शादी: न बैंड-बाजा न बारात, सिटी मजिस्ट्रेट और आर्मी मेजर ने कोर्ट में रचाईशादी, सिर्फ हुआ मिठाई और फूल-माला पर खर्च, काेराेना की वजह से 2 साल से टल रही थी शादी
मध्यप्रदेश। जैसा की आप जानते है कि सरकारी अफसरों की शादी में हमेशा चमक-धमक और खर्चीले इंतजाम किए जाते हैं लेकिन धार में साेमवार काे सिटी मजिस्ट्रेट और सेना के मेजर ने बेहद सादगी से काेर्ट में शादी की। बिना बैंड-बाजा और बारात के हुई इस शादी में फूल-माला व मिठाई के नाम पर मात्र 500 रु. खर्च हुए। शादी के बाद सब रजिस्ट्रार कार्यालय में शादी का रजिस्ट्रेशन भी कराया। इस शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन के परिजन और स्टाफकर्मी शामिल हुए।मूलरूप से भाेपाल की रहने वाली सिटी मजिस्ट्रेट शिवांगी जाेशी का रिश्ता दो साल पहले घर वालों ने भाेपाल में ही रहने वाले मेजर अनिकेत चतुर्वेदी के साथ तय किया था। अनिकेत सेना में मेजर हैं और वर्तमान में लद्दाख में तैनात हैं। काेराेना के चलते शादी दाे साल से टल रही थी। दोनों ने घरवालों की सहमति से समाज में एक संदेश देने का भी निर्णय लिया। परिजनों की सहमति के बाद धार काेर्ट परिसर में सोमवार को बिना शोर शराबे और महंगे इंतजाम से दूर रहकर सादगी से कोर्ट मैरिज कर शादी का रजिस्ट्रेशन कराया।धार में तैनात शिवांगी जाेशी ने बताया कि पिछले दो साल से कोरोना काल चल रहा है। ऐसे समय में काेराेना याेद्धा के रूप में सेवा देना जरूरी समझा। इस काल में हमने कई लाेगाें काे खाेया है। इस समय संक्रमण कम जरूर हुआ लेकिन काेराेना अभी गया नहीं है। लाेग भी नियमाें का पालन करें। उन्होंने बताया कि सादगी से शादी करने का मकसद ये संदेश देना था कि लोग शादियाें में फिजूल खर्च न करें। मैं शुरुआत से फिजूलखर्च के खिलाफ हूं। शादी में फिजूलखर्च से न केवल लड़की के परिवार पर बोझ पड़ता है बल्कि पैसों का दुरुपयोग भी होता है।शादी के बाद नवदंपती ने धारेश्वर मंदिर पहुंच कर भगवान धारनाथ से आशीर्वाद लिया। इस शादी में परिवार वालों के साथ कलेक्टर आलाेक कुमार सिंह, एडीएम सलाेनी सिड़ाना सहित स्टाफ के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए।