मथ्यप्रदेश के सागर जिले के बीना में भाई समेत चार लोगों की हत्या करने वाले सीरियल किलर को अदालत ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। वर्ष 2018 के सीरियल किलिंग मामले में द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश अनिल चौहान की कोर्ट ने सुनवाई की।
विशेष लोक अभियोजक डीके मालवीय ने बताया कि सीरियल किलर आरोपी राजेश उर्फ रमाकांत उर्फ रामेश्वर पंडा पिता विष्णु तिवारी निवासी शास्त्री वार्ड बीना के खिलाफ हत्या के 4 मामले दर्ज हैं। इनमें से दो प्रकरणों में सुनवाई करते हुए मंगलवार को न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार दिया है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को धारा 302 में उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा में फिंगर प्रिंट और डीएनए रिपोर्ट और वारदातस्थल पर मिले साक्ष्य मुख्य आधार रहे। आरोपी ने 15 दिनों के बीच में दो हत्याएं की थीं।
मार्कशीट न बनवाने पर की थी हत्या
विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि आरोपी राजेश ने वर्ष 2018 में मृतक प्रमोद को बीएड की 75 प्रतिशत वाली मार्कशीट बनवाने के लिए 15 हजार रुपए दिए थे लेकिन प्रमोद ने मार्कशीट नहीं बनवाई। इसी बात को लेकर आरोपी ने 9 सितंबर 2018 की रात मंडी बामोरा स्थित बीजासेन मंदिर परिसर में प्रमोद पिता खेमचंद विश्वकर्मा को नशीली दवा खिलाने के बाद हत्या कर दी थी। वहीं पहचान छिपाने के लिए चेहरे को पत्थर से कुचल दिया था।
गाली देने पर की थी हत्या
दूसरे मामले में 26 अगस्त 2018 को बीना के शास्त्री वार्ड में नग्न अवस्था में शव मिला था। जिसकी पहचान सुलतान पिता गोविंद सिंह राजपूत निवासी आचवल वार्ड के रूप में हुई थी। मामले में पुलिस ने आरोपी राजेश उर्फ रमाकांत तिवारी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मृतक से उसे 300 रुपए लेने थे। रुपए मांगे तो उसने गाली दे दी। इसी बात को लेकर 23 अगस्त 2018 को सुलतान को पार्टी देने के बहाने बुलाया और नींद की गोली खिला दी। सोते समय पत्थर पटककर सुलतान की हत्या कर दी थी। शव को घर में रखा था। दुर्गंध आने पर घर के बाहर सड़क पर फेंक दिया था।
इन दो मामलों के अलावा आरोपी पर उसके भाई और एक महिला की हत्या का आरोप है। आरोपी राजेश तिवारी ने 26 नवंबर 2009 कमला बाई अहिरवार (40) निवासी शास्त्री वार्ड की हत्या की थी। वहीं 18 अक्टूबर 2017 को पारिवारिक विवाद और मनमुटाव के चलते अपने भाई हरिओम पिता विष्णु प्रसाद तिवारी निवासी शास्त्री वार्ड की हत्या कर दी थी। यह दोनों ही मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं।