विदेश। थाइलैंड में उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब 100 से ज्यादा बंदरों के दो गुटो के बीच लड़ाई होने लगी। इस दौरान सड़क से गुजर रहे लोग घंटों अपनी जगह पर खड़े हो गए।इस गैंगवार के दौरान बंदरों के चिल्लाने की आवाज इतनी ज्यादा थी कि सड़क पर कार लिए खड़े लोग डर के मारे अंदर ही दुबक गए। घटना मध्य थाइलैंड के मशहूर टूरिस्ट प्लेस लोपबुरी की है।
राहगीर जहाँ पर थे वहीं खड़े रह गए
घटना का वीडियो रिकॉर्ड करने वाले एक शख्स ने बताया कि पूरा वाक्या लोपबुरी में फ्रा कान मंदिर और प्रांग सैम यॉट के आसपास का है। यह शख्स जब अपने घर के थर्ड फ्लोर पर सफाई कर रहा था उसी दौरान बंदरों के चिल्लाने की आवाज सुनाई दी।जब उसने बाहर झांककर देखा तो 100 से ज्यादा बंदरों के दो गुट सड़क पर एक-दूसरे पर झपट रहे थे। यह माजरा करीब एक घंटे से ज्यादा देर तक चला। इस दौरान सड़क से गुजर रहे कार और बाइक पर सवार लोग जहां खड़े थे, वहीं रुके रह गए। बंदरों के इस गैंगवार में घंटों ट्रैफिक जाम रहा।बंदरों का एक गैंग प्राचीन मंदिर के भीतर रहता है, जो एक पॉपुलर टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। दूसरे गैंग का बसेरा यहां का एक खाली पड़ा सिनेमाघर है। बंदरों की ऐसी लड़ाई यहां आम है, लेकिन पहली बार उसने इतनी ज्यादा संख्या में बंदरों को लड़ते देखा गया है।
लॉकडाउन के कारण नहीं मिल पा रहा था बंदरों को भोजन
स्थानीय लोगों का कहना है कि लोपबुरी के इस टूरिस्ट प्लेस पर भारी तादाद में बंदर रहते हैं। यहां आने वाले टूरिस्ट्स के भरोसे ही इन बंदरों का पेट भरता है। वे उनके लिए मीठा भोजन लाकर खिलाते थे लेकिन कोरोना के कारण सरकार ने देशभर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी।यहां पर्यटकों का बाहर से आना बंद हो गया। स्थानीय लोगों का रोजगार भी इन्हीं पर्यटकों के भरोसे चल रहा था। लॉकडाउन प्रतिबंधों के बाद स्थानीय लोगों का रोजगार तो प्रभावित हुआ ही साथ ही बंदरों के पेट भरने पर भी पाबंदी लग गई। इससे पहले मार्च 2020 में भी बंदरों की कुछ ऐसी ही लड़ाई देखने को मिली थी। हालांकि तब इनकी तादाद इतनी ज्यादा नहीं थी।कई लोगों ने तर्क दिया कि पर्यटकों ने इन बंदरों के व्यवहार को बदल दिया है, क्योंकि ये जानवर अब बाहर से आने वाले लोगों से खाना मिलने की अपेक्षा करते हैं। जब यह नहीं मिलता या जरूरत से कम मिलता है तो ये एक-दूसरे से लड़ पड़ते हैं।